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Table of Contents
1. मुहर्रमुल हराम
- सुबह के वक़्त दुआ पढ़ना
- नुकसान से बचने की दुआ
- दो महबूब कलिमे
- नमाज़ के बाद की तस्बीहात
- इस्लाम में बेहतर आमाल
- माहे मुहर्रम में रोज़ा रखना
- आशूरा के रोजे का सवाब
- दस्वीं मुहर्रम का रोज़ा
- माहे मुहर्रम में रोजे का सवाब
- नमाजे चाश्त
- शुक्रिया अदा करने की दुआ
- नेअमत के मिलने पर अल्हम्दुलिल्लाह कहना
- सखावत इख्तियार करना
- इस्तेखारा करना
- नेक बख्ती की अलामत
- गुस्सा दूर करने की दुआ
- आग बुझाने की दुआ
- आफत व बला दूर होने की दुआ
- नुकसान से हिफाज़त
- कब्र की वहशत से नजात
- जिक्र करने वाला जिन्दा है
- अल्लाह के वास्ते मुहब्बत करना
- दुआ से बलाओं का टलना
- जुमा के दिन सूर-ए-कहफ़ पढ़ना
- बुरी मौत से हिफाज़त का जरिया
- तकलीफों पर सब्र करना
- जन्नत में जाने की दुआ
- तहिय्यतुल वुजू पर जन्नत का इन्आम
- तीन अहेम खस्लतें
- सूर-ए-यासीन पढना
2. सफरुल मुजफ्फर
- कुरआन पढ़ना और उस पर अमल करना
- ग़रीबों के काम में मदद करना
- मस्जिद से तकलीफ देने वाली चीज़ को दूर करना
- अल्लाह का जिक्र करना
- बिस्तर पर अल्लाह का जिक्र करना
- अच्छे काम करने पर सद्के का सवाब
- लोगों के फायदे के लिये अच्छा काम करना
- यतीम पर रहम करना
- इस्तिग़फार करना
- कुरआन शरीफ पढ़ने की कोशिश करना
- दौराने सफर शर से बचने की दुआ
- बाज़ार जाने का वज़ीफा
- शहादत की मौत माँगना
- एक गुलाम आज़ाद करने के बराबर सवाब
- कुरआन की एक आयत सीखने का सवाब
- अच्छा गुमान रखना
- मौत को याद रखना
- एक आँसू से जहन्नम के समुन्दर बुझ सकते हैं
- बेचा हुआ माल वापस लेना
- कुरआन को गौर से सुनना
- परेशान हाल की मदद करना
- हलाल कमाई से मस्जिद बनाना
- क़ुरआने करीम की तिलावत करना
- मस्जिद से दिल लगाना
- मस्जिद में सीखना सिखाना
- लोगों को नफा पहुँचाना
- अल्लाह का जिक्र करना
- मिस्जिद से कूड़ा करकट दूर करना
- अपने हाथ की कमाई से खाना
- बरकत वाला निकाह
3. रबीउल अव्वल
- पड़ोसी के साथ अच्छा सुलूक करना
- तहज्जुद पढ़ना
- अल्लाह का जिक्र करना
- मुलाक़ात के वक़्त सलाम व मुसाफा करना
- अपनी ग़लती पर शर्मिंदा होना
- मय्यित के घर वालों को खाना भेजना
- अल्लाह की जात से मगफिरत का यकीन रखना
- गुनाह से तौबा करना
- मोमिनीन के लिये मग़फिरत माँगना
- गुनाहों से तौबा करना
- अपने अजीज़ की वफात पर सब्र करना
- आँखों की बीनाई चले जाने पर सब्र करना
- तकलीफ पर सब्र करना
- कसरत से सज्दा करना
- छूट जाने वाले वजीफे को बाद में अदा करना
- बीवियों के साथ अच्छा सुलूक करना
- अपने अहल व अयाल पर खर्च करना
- दोस्तों और पड़ोसियों से अच्छा सुलूक करना
- रिश्ते नातों का हक़ अदा करना
- इन्साफ करना
- सखावत करना
- वालिदैन के लिये दुआएँ करना
- मुतल्लका बेटी की कफालत करना
- अल्लाह की दी हुई रोजी पर राजी रहना
- कुरआन करीम देख कर पढ़ना
- खाला की खिदमत करना
- बीमार की इयादत करना
- मौत को कसरत से याद करना
- खुश अख्लाकी से पेश आना
- आपस में सलाम व मुसाफा करना
4. रबीउस सामी
- बीवियों के साथ अच्छा सुलूक करना
- औरतों का चंद बातों पर अमल करना
- अपने अहल व अयाल पर खर्च करना
- दुआ कराने वाले की दुआ पर आमीन कहेना
- बवक्ते इस्तिंजा क़िब्ले की तरफ मुह और पीठ न करना
- लोगों से अपनी ज़रूरत छुपाए रखना
- नर्म मिजाजी इख्तियार करना
- जबान और शर्मगाह की हिफाज़त करना
- तहज्जुद की नियत कर के सोना
- हलाल रोजी हासिल करना
- अनावीन सुन्नत पर अमल करना
- दीनी इल्म हासिल करना
- इल्म सीखते हुए वफात पा जाना
- तीन काम करने की कोशिश करना
- अपने घर वालों को खिलाना पिलाना
- हर हाल में अच्छी तरह वुजू कर के मस्जिद जाना
- अगली सफ में नमाज अदा करना
- अजान देना
- अजान के बाद की दुआ पढना
- अज़ान का जवाब देना
- कुंवां खुदवाने का सवाब
- हलाल कमाई से मस्जिद बनाना
- अच्छा काम करने का बदला
- घर से वुजू कर के मस्जिद जाना
- जमात के लिये मस्जिद जाना
- बुजू कर के इमाम के साथ नमाज़ अदा करना
- नमाज के लिये पैदल आना
- नमाज़ के लिये मस्जिद जाना
- तीन आदमी अल्लाह की जमानत में हैं।
- अहले खाना पर खर्च करना
5. जुमादल ऊला
- मुसलमान को कपड़ा पहनाना
- राहे खुदा में अपनी जवानी लगाना
- इन्साफ करना
- मोमिन का ऐब छुपाना
- औरत के लिये चंद आमाल
- दीनी भाई की जियारत
- लोगों की ज़रूरत पूरी करना
- पसंद के मुताबिक़ हदिया देना
- शर्म व हया ईमान का जुज़ है
- अच्छे और बुरे अख़्लाक़ की मिसाल
- सलाम करने पर नेकियाँ
- मुसाफा मगफिरत का जरिया है
- इज्ज़त की हिफाज़त करना
- अच्छा मुसलमान
- अल्लाह के लिये मुहब्बत का बदला
- खुशू व खुजू से नमाज़ अदा करना
- किसी को खाना खिलाना
- अल्लाह के रास्ते में पहरेदारी करना
- अल्लाह के रास्ते में रोजा रखना
- अल्लाह के लिये सूर-ए-यासीन पढ़ना
- अल्लाह की तस्बीह बयान करना
- माल खर्च करना
- गुनाहों को माफ कराने की तस्बीह
- मेहमान का इकराम करना
- सुबह व शाम को मस्जिद जाना
- बाप के साथ अच्छा सुलूक करना
- ठंडी के मौसम में अच्छी तरह वुजू करना
- अल्लाह के रास्ते में मौत आना
- सूर-ए-बकराह की आखरी दो आयात
- मरीज़ की इयादत करना
6. जुमा दस्सानियह
- अच्छी तरह वुजू करना
- अल्लाह के ख़ौफ़ से रोना
- सूर-ए-इख्लास का सवाब
- अहल व अयाल पर खर्च करना
- शहीद कौन कौन लोग हैं
- कलिम-ए-तौहीद पढ़ने का सवाब
- तौबा करने का सवाब
- अल्लाह के लिये आजिज़ी इख्तियार करना
- लोगों से हुस्ने सुलूक करना
- कुरआन के हर हर्फ पर दस नेकी
- अल्लाह के वास्ते लोगों से मुलाकात करना
- अल्लाह के वास्ते खाना खिलाना
- अपने अख्लाक दुरुस्त करना
- फैसला करने पर अल्लाह की रहमत
- सब से बेहतरीन आदमी
- अल्लाह के लिये अपने भाई की जियारत करना
- जन्नत में दाखिल करने वाली चीज
- मुसाफा से गुनाहों का झड़ना
- जन्नत का मुस्तहिक़
- तौबा से गुनाहों का भुलाया जाना
- अल्लाह के ख़ौफ़ से रोना
- यतीम की परवरिश करना
- कुरआन की तिलावत करना
- दुआ करना बेकार नहीं
- कामिल ईमान वाला
- अज़ान शुरू होते ही दुआ पढ़ना
- जन्नत का ख़ज़ाना
- रोजा रखने का इनाम
- दरख्त लगाना
- मोमिन की परेशानी में गुनाह माफ
7. रजबुल मुज्जब
- नमाज़े इशराक की फजीलत
- दो रकात तहय्यतुल वुजू अदा करना
- बीमार की इयादत का सवाब
- शौहर की खुशी पर जन्नत
- अल्लाह के वास्ते मुहब्बत करना
- मुसलमान भाई के लिए दुआ करना
- आपस में सुलह कराना
- सूर-ए-यासीन पढ़ने का सवाब
- अपने मुसलमान भाई से मुस्कुरा कर मिलना
- इल्मे दीन के लिए सफर करना
- हर महीने के तीन दिन रोजे रखना
- बीमारी की शिकायत न करना
- सफ की खाली जगहों को पुरा करना
- सोते वक्त सूरह-ए-काफिरुन पढ़ना
- मुसाफा करना
- हर नमाज के बाद तसबीहे फातिमी पढ़ना
- बेवा और मिस्कीन की मदद करने पर सवाब
- सूर-ए-वाकिआ पढ़ना
- मुसलमान की जरुरत पूरी करना
- अजान और सफे अव्वल का सवाब
- तिलावते कुरआन में मशक्कत उठाना
- नमाजे अस्त्र से पहले चार रकात अदा करना
- मोमिन की मदद का मीठा फल
- बेटी व बहन के साथ भलाई करने वाला
- नमाजे फज्र व मगरिब के बाद दुआ पढ़ना
- गुनाहों की माफी
- इस्तिग़फार की पाबंदी पर इन्आमात
- दो कलिमों की फजीलत
- कर्जदार के साथ नर्मी करना
- फकीरों को माफ करना
8. शाबानुल मुअज्जम
- रमजान में उमरा करना
- कुरआन की तिलावत करना
- औलाद को अदब सिखाना
- कसरत से इस्तिग़फार पढ़ना
- जिक्र की फजीलत
- यतीम की परवरिश करने वाला
- अल्लाह के रास्ते में खर्च करने का सवाब
- अल्लाह के नाम याद करने पर जन्नत
- मस्जिद बनाने की फजीलत
- वालिद के दोस्तों के साथ अच्छे बर्ताव करना
- कर्ज माफ करना
- वालिदैन की कब्र की जियारत करना
- नमाजे तहज्जुद पढ़ना
- तिलावते कुरआन की फजीलत
- जानवर पर रहम करने का सवाब
- जिक्र करने की फजीलत
- गुस्सा पी जाने पर इनाम
- बेटी के साथ अच्छा सुलूक
- खाला की खिदमत करना
- जुमा का ख़ुतबा सुनना
- इशराक की दो रकात
- दुरूद शरीफ पढना
- कर्ज दारों को मुहलत देना
- अल्लाह तआला का जिक्र करने वाले
- नमाज के बाद अपनी जगह बैठे रहना
- बा जमात नमाज़ की फजीलत
- अंधेरे में मस्जिद जाना
- नमाज़े जनाज़ा की फजीलत
- रोजा जहन्नम से बचने का जरिया है |
- बावुजू सोना
9. रमजानुल मुबारक
- तरावीह का सवाब
- रमजान के तीन हिस्से
- रोज़ेदार को इफ्तार कराना
- रमज़ान में दुआ का कबूल होना
- रमजान में चार चीजों की पाबंदी
- माहे रमज़ान में इबादत का इन्आम
- रोजेदार को इफ्तार कराना
- पुरा महीना तरावीह पढ़ना
- सदक़ा देना
- नमाजे इश्राक पढना
- यतीम की कफालत पर जन्नत
- गलती माफ करने का बदला
- खौफे खुदा में रोना
- खजांची का बखूशी सदक़ा देना
- गरीब रिश्तेदार पर सदक़ा करना
- मुदों को सवाब पहुँचाना
- हज व उमरा की निय्यत से निकलना
- कुरआन करीम याद करना
- कुरआन के हुक्म पर अमल करने का इन्आम
- सदका मुसीबतों को दूर करता हैं
- लैलतुल क़द्र में इबादत करना
- कौन सा सदका अफज़ल है ?
- किसी को कपडा पहनाना
- अखीर रात में इबादत करना
- किसी को खिलाने पिलाने का इनाम
- मुसलमान की जरूरत पूरी करना
- बेटियों की अच्छी तरह परवरिश करना
- ईद की रात इबादत करना
- इनाम की रात
- अच्छे अखलाक पर जन्नत के आला दर्जात
10. शव्वालुल मुकर्रम
- शव्वाल में छे रोजे की फजीलत
- इल्म हासिल करने के लिए सफर करना
- कुरआन की कोई सूरह पढ़ कर सोना
- सूरह-ए-इख्लास की फजीलत
- रास्ते से तकलीफ़ देह चीज़ हटाना
- शहादत की मौत माँगना
- नमाजे इशराक की फजीलत
- खुशू वाली नमाज़ माफी का जरिया
- कौन सी दुआ अफज़ल है
- खुश दिली से मुलाकात करना
- मुसलमान भाई के लिए दुआ करना
- तक्वा और हुस्ने अखलाक का दर्जा
- सब से अफज़ल सदका
- तालिबे इल्म अल्लाह के रास्ते में
- यतीम के सर पर हाथ फेरना
- दो रकात पढ़ कर गुनाह से माफी
- बेहतरीन सदका
- मिस्वाक कर के नमाज पढना
- हर हाल में अल्लाह की तारीफ करना
- नेक इरादे पर सवाब
- जहन्नम की आग से आँखों की हिफाज़त
- मर्ज पर सब्र करना
- सदके से शैतान की शिकस्त
- खाने के बाद शुक्र अदा करना
- सूर-ए-यासीन की फजीलत
- वुजू के बावजूद वुजू करना
- चालीस लाख नेकियाँ
- रोज़ा जहन्नम से दूर करने का सबब
- चाश्त की नमाज़ पढ़ना
- पहली सफ की फजीलत
11. जिल कादा
- हज व उमरा एक साथ करना
- बैतुल्लाह के तवाफ की फजीलत
- हज के दौरान गुनाहों से बचना
- उमरा की फजीलत
- अल्लाह के रास्ते में हजार आयत की तिलावत
- अल्लाह की राह में चौकीदारी करना
- अल्लाह के रास्ते में सवारी देना
- हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद सूर-ए-इख्लास पढ़ना
- सुबह की नमाज के बाद सौ मर्तबा तसबीहात
- इल्म सीखने की हालत में मौत आना
- हाजी का गुनाहो से पाक होना
- बीमारी की शिकायत न करना
- अल्लाह के रास्ते में जाने वाले को तैयार करना
- सलाम में पहल करने वाला
- घर में दो रकात नमाज पढ़ना
- अल्लाह तआला नर्मी को पसंद करता है
- बीवी को शौहर के माल से सदक़ा का सवाब
- तिलावत मगिफरत का जरिया है
- मस्जिदे नब्बी में नमाज़ का सवाब
- मस्जिदे कुबा में नमाज का सवाब
- वुजू के बाद कलिम-ए-शहादत पढ़ना
- तकबीरे ऊला के साथ नमाज़ अदा करना
- एक दिन के नफ्ली रोजे का सवाब
- हर चीज़ के मुकाबले में काफी होने वाला
- अमल रास्ते से तकलीफ देह चीज़ को हटाना
- हज व उमरा करना
- हाजी को खुशखबरी
- हज गुनाहों को मिटाने का ज़रिया
- अल्लाह के रास्ते में निकलने का सवाब
- अल्लाह को याद करना
12. जिलहिज्जा
- क़ुरबानी जहन्नम से हिफाज़त का जरिया
- मस्जिदे नबवी में चालीस नमाजों का सवाब
- खान-ए-काबा को देख कर दुआ मांगना
- रास्ते से तकलीफ देह चीज़ को हटाना
- अच्छे अखलाक़ वाले का मर्तबा
- यतीम के सर पर हाथ फेरना
- अरफा के दिन रोजा रखना
- नमाज़ में कुरआन करीम की तिलावत करना
- हर नमाज़ के बाद तस्बीहे फातिमा अदा करना
- घर में नवाफिल पढ़ना
- बारा रकात नफ़्ल नमाज़ अदा करना
- लोगों के साथ नर्मी से पेश आना
- इस्तिग़फ़ार की बेशुमार बरकतें
- मस्जिद की सफाई का इन्आम
- रात में सुर-ए-दुखान पढना
- यतीम की परवरिश करना
- कुरआन की तिलावत करना
- दुआ करना बेकार नहीं जाता
- हाजी से मुलाकात करना
- अल्लाह ही के लिए मुहब्बत करना
- वालिदैन के लिए दुआ-ए-रहमत
- अजान शुरु होते ही दुआ पढ़ना
- सुबह की दुआ
- बाजार जाते वक़्त दुआ पढना
- जन्नत का ख़ज़ाना
- सवाब की नियत से अजान देना
- नींद से जागने पर दुआ पढ़ना
- रोज़ा रखने का इनाम
- दरख्त लगाना
- मोमिन की परेशानी में मगफिरत