हज्जतुल विदा का ख़ुतबा: पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल॰) का विदायी अभिभाषण (इस्लाम में मानवाधिकार)

हज्जतुल विदा का ख़ुतबा: पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल॰) का विदायी अभिभाषण (इस्लाम में मानवाधिकार)

हज्जतुल विदा का ख़ुतबा पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल॰) का विदायी अभिभाषण (इस्लाम में मानवाधिकार) पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल॰) ईश्वर की ओर से, … Read More

इस्लाम सुलह और शांति सिखाता है

मफहूम-ऐ-हदीस ﷺ

अल्लाह के नबी (सलल्लाहो अलैहि वसल्लम) ने एक रोज़ सहाबा से फ़रमाया:

“क्या मै तुम्हे उस चीज़ के बारे में न बता दू जिसका दर्जा रोज़े , नमाज़ , सदके से भी ज्यादा ?” लोगो ने जवाब दिया: ए अल्लाह के रसूल! हमे जरुर बताये!

आप (सलल्लाहो अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया:

“उन लोगों में सुलह और शांति करा देना जिनमे फूट पड़ी हो, यक़ीनन आपस में नाइत्तेफाकी और लडाई बर्बादी लाने वाली चीज़ है.”

📕 सुनन अबू दावुद, किताब-अल-अदब, हदिस ४९१९

अफ़सोस की बात है के
आज हमने दींन का पैगाम अपने गैरमुस्लिम दोस्त और भाइयो को नहीं बताया यही वजह है के उन्होंने इस अमन के दींन का मुआज़ना दहशतगर्दी से कीया, ‎अल्लाह‬ हम सब को इखलास के साथ दावते इस्लाम पोहचाने की तौफीक दे !

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Ramzan me kya karna

रमज़ान का महिना … जानिए: इसमें क्या है हासिल करना?

हम मुसलमानों ने कुरआन की तरह रमज़ान को भी सिर्फ सवाब की चीज़ बना कर रख छोड़ा है, हम रमज़ान के महीने से सवाब के अलावा कुछ हासिल नहीं करना चाहते इसी लिए हमारी ज़िन्दगी हर रमज़ान के बाद फ़ौरन फिर उसी पटरी पर आ जाती है जिस पर वो रमज़ान से पहले चल रही थी

इस्लाम दूसरे धर्मों के बारे में

इस्लाम दूसरे धर्मों के बारे में अपमानजनक बातें कहने की अनुमति नहीं देता

प्रश्नः क्या दूसरे मज़हबों के धार्मिक ग्रंथों और उनके ईष्ट देवी-देवताओं के बारे में अपमानजनक बातें करने से… उनका दिल … Read More

हज का सुन्नत तरीका ~ कुरआन व सुन्नत की रौशनी में

हज का सुन्नत तरीका ~ कुरआन व सुन्नत की रौशनी में

हज का तारूफ , हज्ज के फ़र्ज़ होने की शर्तें, हज में एहतियात करने वाली बाते, एहराम की हालत में मना की हुई चीज़ें, हज्ज के तीन किस्मे, यौमूत्तर्वियह, अरफा का दिन , मुज़दलिफा में रात बिताना, यौमुन्नह्र (10 जिल हिज्जा – क़ुरबानी का दिन), अय्यामुत्तश्रीक़ (11,12,13 जिल हिज्जा), जिल हिज्जा की 12वीं तारीख

Musalmano ki Apne Watan se Mohabbat

Musalmano ki Apne Watan se Mohabbat by Adv. Faiz Syed

Musalmano ki Apne Watan se Mohabbat

मुसलमानों की अपने देश से मोहब्बत | Muslims Love for India by Adv. Faiz Syed, Musalmano ki Apne Watan se Mohabbat by Adv. Faiz Syed

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मस्जिदुल हरम में कीड़ो के तूफ़ान की हकीकत (Reality of Locusts Swarm in Mecca-Saudi Arabia)

मुसलमानो के सबसे मुक़द्दस मक़ाम मस्जिदुल हराम में कीड़ो का तूफ़ान, जो मरकज़ी दरवाज़ों और दीवारों समेत साथ माले की बिल्डिंग्स और स्कूल तक बिखर गए। आईये देखते है इसकी हकीकत के यह सब हिक्मते अमली या फिर अल्लाह तआला का अज़ाब।

मस्जिदुल हराम में 7 जनवरी को होने वाले इस वाकिये की वीडियोस और तस्वीरें मुसलसल इंटरनेट पर गर्दिश कर रही है, जिसे देख कर बोहोत से लोग ताज्जुब और परेशान है के आखिर ये मामला क्या है क्यूंकि वीडियोस में ये वाजेह तौर पे देखा जा सकता है के टिड्डी नुमा ये कीड़े मस्जिदुल हराम की दीवारों पर बड़ी तादाद में मंडरा के शोर कर रहे है जो दिखने में काफी तकलीफदेह है।

मकामी लोगो ने जब मक्काह गवर्नमेंट से इसके मुताल्लिक जवाब तलब किया तो उन्होंने इसके मुताल्लिक ये वजाहत ट्विटर पर जारी की, के दरहसल २२ टीम्स को जो १२० लोगों पर मुश्तमिल थी इन्हे ख़ास स्प्रे करके इन कीड़ों को फौरी तौर पर तलफ करने के लिए अहकामात दे दिए गए है। ताकि यहाँ मौजूद जाहेरीन की हिफाज़त को यकीनी बनाया जा सके।

✦ कैसे आये हरम में कीड़े ?

दरहसल सऊदी अरब में गुजिस्ता साल यानी साल 2018 में बोहोत ज्यादा गैर मामूली मौसमियाति तब्दीलिया देखने में आयी क्यूंकि इस साल मामूल से ज्यादा बारिशे हुई, अगस्त के महीने में एक हवाई तूफ़ान आया जिससे मस्जिदुल हराम में मौजूद १० जाहेरीन भगदड़ मचने की वजह से ज़ख़्मी भी हुए जबकि खाना ऐ काबा का गिलाफ भी हवा की वजह से लहराता रहा।

इसके आलावा नवंबर में सैलाब आया जबकि इससे पहले फरवरी के महीने में टेनिस बॉल के साइज के जितने हौले भी पड़े थे इसी मौसमियाति तब्दीलियों की बदौलत नमी की वजह से ये कीड़े छुपकर अपनी तादाद बढ़ाना शुरू हो गए तो इनकी इस रिप्रोडक्शन को रोकने की वजह से मस्जिदुल हराम के इन्तेज़ामियाँ ने ये स्प्रे किया ताकि इन्हे इनकी छुपी हुई जगह से बाहेर निकाल कर एक जगह इकट्ठा किया जाये और आसानी से तलफ किया जा सके और ऐसा ही हुआ और ये तमाम कीड़े एक जगह इकट्ठे होकर एक तूफ़ान की सूरत इख़्तियार कर गए और इनकी तकलीफदेह आवाज़ ने लोगों को परेशान कर दिया।

✦ कितने नुकसान देह है यह कीड़े ?

ये कीड़े नुकसान देह बिलकुल नहीं है लेकिन शोर बोहोत ज़्यादा करते है जिन्हे स्प्रे करके मुकम्मल तौर पर साफ़ कर दिया गया है। हो सकता है के इस मौके को गनीमत जानते हुए बोहोत से लोगों को ग़लतफहमी फैलाने का मौका मिल जाये और इसे भी क़यामत की निशानी से जोड़ दे। जैसा की सऊदी अरब के शहर कासिम जाने वाली पाइपलाइन जब सेराह में फट गयी और इससे पानी निकलने लगा तो लोगों ने इसे भी क़यामत की निशानी से जोड़ दिया के सेहरा के अंदर पानी का चशमा निकल आया है। इन्ही चंद लोगों की वजह से मुसलमान तो गुमराह होते ही है साथ साथ गैर मुस्लिम भी हमारा मज़ाक उड़ाते है।

✦ इबरत ?

तो मस्जिदुल हराम में नज़र आने वाला कीड़ो का ये तूफ़ान एक गैर मामूली मौसमीयाती तबदीली का नतीजा है जिसका ज़ाहिर होना कोई हैरत की बात नहीं क्यूंकि अल्लाह ताअला की ज़ात अपने घर की हिफाज़त करना खूब जानती है और चाहे तो सिर्फ परिंदो की मदद से पूरी इंसानी फ़ौज को नेस्तोनाबूद कर सकती है तो फिर ये कीड़े क्या चीज़ है। लिहाजा घबराने की कोई बात नहीं। अल्लाह तआला हमें भी अपने घर की जियारत नसीब फरमाए। अमीन !!!

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