15. ज़िल क़दा | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा

हजरत उमर बिन अब्दुल अजीज (रह.) की सादगी, इन्सान का जिस्म, तवाफ़ में सात चक्कर लगाना, दाहिनी तरफ़ से तक्सीम करना, घर में दो रकात नमाज़ पढ़ना, कुरआन शरी

15. ज़िल क़दा | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा

15. Zil-Qada | Sirf Paanch Minute ka Madarsa

1. इस्लामी तारीख

हजरत उमर बिन अब्दुल अजीज (रह.) की सादगी

हजरत उमर बिन अब्दुल अज़ीज़ (रह.) अपने ज़माने में दुनिया की सब से बड़ी सलतनत के मालिक थे। लेकिन आप के अंदर न शाहाना जाह व जलाल था और नही तकब्बुर और बड़ाई की कोई झलक दिखाई देती थी। आप का लिबास सीधा सादा और खाना मामूली था।

आप निहायत मुतवाजे इन्सान थे। गुलामों के साथ बराबर का सुलूक करते। नौकरों के आराम का भी खयाल रखते थे। उन के आराम के वक्त में खुद अपने हाथों से काम कर लेते। एक मर्तबा आप किसी मेहमान से गुफ़्तगू कर रहे थे के रात जियादा हो गई और चिराग बुझाने लगा। नौकर सोया हुआ था,  मेहमान ने चाहा के नौकर को जगा दे, मगर आप ने मना कर दिया। मेहमान ने खुद दुरूस्त करना चाहा, तो फर्माया के मेहमान से काम लेना अच्छा नहीं।

लिहाजा उन्होंने खुद उठ कर चिराग में तेल डाला और उस को दुरूस्त किया और फ़र्माया के मैं चिराग को दुरूस्त करने से पहले भी उमर बिन अब्दुल अज़ीज़ था और अब भी उमर बिन अब्दुल अजीज हूँ। यानी इन कामों को करने से आदमी छोटा नहीं बनता क्या आज के ज़माने में कोई है जो अपने नौकरों का इतना खयाल रखे ।

📕 इस्लामी तारीख

2. अल्लाह की कुदरत

इन्सान का जिस्म

अल्लाह तआला ने इन्सानी जिस्म को बड़ी हिकमत से बनाया है और उस में बहुत सी निशानियाँ रखी है जिसमें एक निशानी रगें हैं। अल्लाह तआला ने हमारे जिस्म में बेशुमार रगें बनाई हैं। जो जिस्म के तमाम हिस्सों में खून पहुँचाती है और यह तमाम इंसानो की रगें इतनी ज़ियादा हैं के अगर उन को निकाला जाए और जमीन के चारों तरफ लपेटा जाए, तो उन्हें तीन मर्तबा जमीन के चारों तरफ़ लपेटा जा सकता है।

यह अल्लाह तआला की जबरदस्त कुदरत है के इतनी लम्बी रगें अल्लाह तआला ने इन्सानी जिस्म में समों दी है।

📕 अल्लाह की कुदरत

3. एक फर्ज के बारे में

तवाफ़ में सात चक्कर लगाना

हजरत जाबिर से रिवायत है के :

रसूलुल्लाह ने (तवाफ़ करते हुए) सात चक्कर लगाए (और पहले) तीन चक्करों में रमल किया और बकिया चक्करों में अपनी हालत पर चले। 

📕 नसई:२९६५

4. एक सुन्नत के बारे में

दाहिनी तरफ़ से तक्सीम करना

हज़रत अनस (र.अ) बयान करते हैं के:

रसूलुल्लाह (ﷺ) की खिदमत में पानी मिला हुआ पेश किया गया। आप के दाएँ तरफ़ एक देहाती था और बाएँ तरफ़ हज़रत अबू बक्र आपने उस दूध को पी कर बचा हुआ, उस देहाती को पहले देते हए फ़र्माया: दाहिनी तरफ़ वाले ज़ियादा हकदार है। 

📕 बूखारी: ५६१९

5. एक अहेम अमल की फजीलत

घर में दो रकात नमाज़ पढ़ना

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया :

“जब तुम अपने घर में दाखिल हो, तो दो रकात पढ़ो, यह नमाज घर में बुरे दाखिले को रोक देगी और जब घर से निकलो, तो दो रकात नमाज अदा करो, यह बुरे निकलने को रोक देगी।”

📕 बैहक़ी फै शुअबिल ईमान : २२३४, अन अबी हुरैरह (र.अ)

6. एक गुनाह के बारे में

कुरआन शरीफ़ को भुला देना

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया :

“जिस शख्स ने कुरआन शरीफ़ हिफ्ज़ किया, फ़िर उसे गफ़लत की वजह से भुला दिया, तो वह कयामत के दिन अल्लाह तआला से इस हाल में मुलाकात करेगा, के उस का हाथ या कोई उज्व कटा हुआ होगा।”

📕 अबू दाऊद: १४७४, अन सअद बिन उबादा (र.अ)

7. दुनिया के बारे में

दुनिया मोमिनों के लिए कैद खाना है

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :

“दुनिया मोमिन के लिए कैद खाना और खुश्क साली है जब वह दुनिया से जाता है,तो कैद खाने और खुश्क साली से निकल जाता है।”

📕 मुस्नदे अहमद : ६८१६, अन अब्दुल्लाह बिन अम्र (र.अ)

8. तिब्बे नबवी से इलाज

गर्म गिज़ा के असरात का तोड़

रसूलुल्लाह (ﷺ) खजूर के साथ खीरे खाते थे।

📕 बुखारी : ५४४७, अन्दुल्लाह बिन जाफ़र (र.अ)

वजाहत: मुहद्दीसीने किराम फ़र्माते हैं के खजूर चूंकि गर्म होती है इस लिए आप उस के साथ ठंडी 1 चीज़ यानी खीरा ककड़ी इस्तेमाल फरमाते थे ताके दोनों मिल कर मुअतदिल हो जाएं।

9. कुरआन की नसीहत

माँ बाप के बारे में ताकीद

कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है:

“हम ने इन्सान को उसके माँ बाप के बारे में ताकीद की है के माँ बाप के साथ अच्छा बर्ताव करे, (क्योंकि) उस की माँ ने तक्लीफ़ पर तक्लीफ़ उठा कर उस को पेट में रखा और दो साल में उस का दूध छुड़ाया है, ऐ इन्सान ! तू मेरा और अपने माँ बाप का हक मान। (इसलिये के) तूम सब को मेरी ही तरफ़ लौटकर आना है।

📕 सूरह लुकमान: १४

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