20 Rabi-ul-Awal | Sirf Panch Minute ka Madarsa
Table of Contents
1. इस्लामी तारीख
अरबों की अखलाक़ी हालत
रसूलुल्लाह (ﷺ) से पहले अरबों की अखलाकी हालत बहुत ज़्यादा बिगड़ चुकी थी। जुल्म व सितम, चोरी व डाका जनी, ज़िनाकारी और बदकारी बिल्कुल आम थी। जुआ खेलने और शराब पीने का रिवाज बहुत ज़्यादा था। बेहयाई और बेशर्मी इस हद तक बढ़ गई थी के खुले आम बुराइयों करके उस पर फ़ख्र किया जाता था।
मामूली मामूली बातों पर लड़ाइयाँ हो जाती और फिर बरसों तक जारी रहती थीं, सूद की नहूसत में पूरा मुआशरा जकड़ा हुआ था। औरतों के साथ इन्तेहाई बेरहमाना सुलूक किया जाता था, उन्हें मीरास में हिस्सा नहीं दिया जाता था और लड़कियों की पैदाइश को अपने लिये ज़िल्लत व रुसवाई का सबब समझ कर बाज़ कबीले वाले अपने ही हाथों ज़िन्दा दफन कर दिया करते थे, कमज़ोरों, यतीमों और बेकसों के साथ बड़ी ना इन्साफी बरती जाती थी और उन के हुकूक को पामाल किया जाता था।
इस तरह की और भी बहुत सी दूसरी बुराइयाँ उनमें रिवाज पा चुकी थीं।
2. एक फर्ज के बारे में
सुबह की नमाज अदा करने पर हिफाज़त का जिम्मा
Hadees of the Day
Jisne Subah (Fazr) ki Namaz ada ki wo Allah ke Jimme hai
Allah ke Rasool (ﷺ) ne farmaya :
"Jis Shakhs ne Subah (Fazr) ki Namaz Padhi woh Allah Taala ko Zimmedari (Aman) mein hain."
सुबह की नमाज अदा करने पर हिफाज़त का जिम्मा
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया :
“जिस ने सुबह (यानी फज़र) की नमाज़ अदा की, वह अल्लाह की हिफ़ाज़त में है।”
3. एक सुन्नत के बारे में
अज़ाबे कब्र से बचने की दुआ
रसूलुल्लाह (ﷺ) यह दुआ कसरत से फ़रमाते थे:
तर्जमा: ऐ अल्लाह ! मैं अज़ाबे कब्र, अज़ाबे दोजख, ज़िंदगी और मौत के फितने और दज्जाल के फितने से तेरी पनाह चाहता हूँ।
📕 बुखारी: १३७७. अन अबी हुरैरह रज़ि०
4. एक अहेम अमल की फजीलत
इंसाफ करने वाले नूर के मिम्बरों पर होंगे
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया :
"इंसाफ करने वाले अल्लाह तआला के पास नूर के मिम्बरों पर होंगे और यह वह लोग होंगे जो अपनी हुकूमत, अहल व अयाल और रिआया के मुतअल्लिक इन्साफ से काम लेते हैं।"
📕 मुस्लिम:४७२१, अन अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ि०
5. एक गुनाह के बारे में
फिजूलखर्ची करने का गुनाह
कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है:
"ऐ आदम की औलाद! तुम हर मस्जिद की हाज़री के वक्त अच्छा लिबास पहन लिया करो और खाओ पियो और फिजूलखर्ची मत किया करो, बेशक अल्लाह तआला फुजूल खर्ची करने वालों को पसन्द नहीं करता।"
6. दुनिया के बारे में
खाने पीने की चीजों में गौर करने की दावत
क़ुरान में अल्लाह तआला फ़रमाता है -
"इन्सान को अपने खाने में गौर करना चाहिये के हम ने खूब पानी बरसाया, फिर हम ने अजीब तरीके से जमीन को फाड़ा, फिर हम ने उस ज़मीन में से ग़ल्ला, अंगूर, तरकारी, ज़ैतून और खजूर, घने बाग़, मेवे और चारा पैदा किया। यह सब तुम्हारे और तुम्हारे जानवरों के फायदे के लिये हैं।"
7. आख़िरत के बारे में
हूर की खूबसूरती
रसूलल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया:
"अगर जन्नत की कोई औरत ज़मीन वालों की तरफ झाँक ले तो ज़मीन व आसमान के दर्मियान की तमाम चीज़ों को रौशन कर दे और उस को खुश्बू से भर दे और उसकी ओढ़नी दुनिया और तमाम चीज़ो से बेहतर है।"
📕 बुखारी: २७९६, अन अनस बिन मालिक रज़ि०
8. तिब्बे नबवी से इलाज
सिरका के फवाइद
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया:
"सिरका क्या ही बेहतरीन सालन है।"
फायदा : मुहद्दिसीन हज़रात कहते हैं के सिरका तिल्ली के बढ़ने को रोकता है, जिस्म में वरम नहीं होने देता, खाने को हज़म करता है, खून को साफ करता है, फोड़े फुन्सियों को दूर करता है। [अलइलाजुन नबी]
9. नबी (ﷺ) की नसीहत
जमाई / उबासी ले तो अपना हाथ मुंह पर रख ले
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :
"जब तुम में से कोई शख्स जमाई / उबासी ले तो उस को अपना हाथ मुंह पर रख लेना चाहिये, क्योंकि (खुले) मुँह में शैतान दाखिल हो जाता है।"
📕 मुस्लिम: ७४९१, अन अबी सईद रज़ि०
[icon name=”info” prefix=”fas”] इंशा अल्लाहुल अजीज़ ! पांच मिनिट मदरसा सीरीज की अगली पोस्ट कल सुबह ८ बजे होगी।