15. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा 

15. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा 
15 Muharram | Sirf Paanch Minute ka Madarsa

1. इस्लामी तारीख

हज़रत हूद (अ.स) की दावत

जब कौमें आद शिर्क व बुत परस्ती में हद से बढ़ गई, तो अल्लाह तआला ने हज़रत हूद (अ.स) को नबी बना कर उन की हिदायत के लिये भेजा। उन्होंने कौम के लोगों को तौहीद व इबादते इलाही की दावत दी, शिर्क व बुत परस्ती और लोगों पर जुल्म व जियादती करने से मना किया।

कौम ने उनकी नसीहत कुबूल करने के बजाए झुटलाना शुरू कर दिया, हज़रत हूद (अ.स) ने उन्हें अल्लाह तआला के अज़ाब से डराया तो वह लोग मजाक उड़ाते हुए कहने लगे के अगर तुम अपनी दावत में सच्चे हो, तो हमारे पास अज़ाब लेकर आओ। 

अल्लाह तआला ने इस हथधर्मी और मुतालबे पर तीन साल तक कहत साली के अज़ाब में मुब्तला कर दिया। जिस की वजह से उन के बाग़ात व खेतियाँ सब बरबाद हो गई।

इतनी बड़ी तबाही से इबरत हासिल करने के बजाए उस बदबख्त कौम की बगावत व सरकश जियादा बढ़ गई। बिलआखिर दोबारा अल्लाह तआला का ग़ज़ब भड़क उठा और एक हफ्ते तक चलने वाली तूफानी हवाओं ने उन का नाम व निशान मिटा कर रख दिया। 

तफ्सील में बढे :
कौमे हुद और अल्लाह का अज़ाब | कसक उल अम्बिया 

📕 इस्लामी तारीख


2. अल्लाह की कुदरत

जमीन व आसमान की तखलीख

कुरआन के बयान के मुताबिक अल्लाह तआला ने सातों जमीन व आस्मान और उन के दर्मियान की तमाम चीजों को सिर्फ छ: दिन (अय्याम) में पैदा फर्माया और इतने बड़ी तखलीख महज अल्लाह के हुक्म से हुई। और अल्लाह जब किसी चीज़ का इरादा करता है तो सिर्फ हुक्म फरमाता है के “हो जा” और वो हो जाती है।

अल्लाह तआला के महज हुक्म से सातों आस्मान और पूरी काएनात की तखलीख होना उसकी जबरदस्त कुदरत का मुजाहेरा है।

📕 अल्लाह की कुदरत


3. एक फर्ज के बारे में

अल्लाह हर एक को दोबारा जिन्दा करेगा

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है:

“अल्लाह ही वह है जिस ने तुम को पैदा किया और वही तुम्हें रोजी देता है, फिर (वक्त आने पर) वही तुम को मौत देगा और फिर तुम को वही दोबारा जिन्दा करेगा।”

📕 सूरह रूम: ४०

वजाहत: मरने के बाद अल्लाह तआला दोबारा जिन्दा करेंगा, जिसको “बअस बअदल मौत” कहते हैं, इसके हक़ होने पर ईमान लाना फर्ज है।


4. एक सुन्नत के बारे में

हुजूर (ﷺ) के सलाम का अन्दाज़

हज़रत मिक्रदाद (र.अ) जिक्र करते है के “आप (ﷺ) रात को तशरीफ लाते और इस तरह सलाम करते के जागने वाला तो सुन लेता और सोनेवाला बेदार न होता।”

📕 मुस्लिम: ५३६२


5. एक अहेम अमल की फजीलत

गुस्सा दूर करने की दुआ

रसूलल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“जब किसी को गुस्सा आए तो वह “आऊज़ो बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रजिम” पढ़ ले गुस्सा जाता रहेगा।”

तर्जुमा: अल्लाह की पनाह मांगता हु मै शैतान मरदूदू के शर्र से

📕 मुस्लिम : ६६४६


6. एक गुनाह के बारे में

रिश्ते तोड़ने वाला जन्नत से महरूम

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“कतअ रहमी (रिश्ते तोड़ने) करने वाला जन्नत में दाखिल नहीं होगा।”

📕 मुस्लिम: ६५२०, अन जुबैर बिन मुतइम (र.अ)


7. दुनिया के बारे में

कौन सा माल बेहतर है

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“जब सूरज निकलता है, तो उसके दोनों जानिब दो फरिश्ते रोजाना एलान करते हैं : ऐ लोगो! अपने रब की तरफ मुतवज्जेह हो जाओ जो माल थोड़ा हो और वह काफी हो जाए, वह बेहतर है, उस ज़ियादा माल से जो अल्लाह तआला के अलावा दूसरी चीज़ में मशगूल कर दे।”

📕 मुस्नदे अहमद : २१२१४, अन अबी दर्दा (र.अ)


8. आख़िरत के बारे में

अहले जहन्नम की तमन्ना

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है :

“जिस दिन यह गुनहगार लोग फरिश्तों को देखेंगे, उस दिन उन के लिये कोई खुशखबरी नहीं होगी और उन की खतरनाक शक्लें देख कर कहेंगे के हमारे और उन फरिश्तों के दर्मियान कोई आड़ क़ाएम कर दी जाए।”

📕 सूरह फुरकान : २२


9. तिब्बे नबवी से इलाज

मेहंदी का इस्तेमाल

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : 

“बालों के लिये मेहंदी इस्तेमाल करो, क्यों कि यह तुम्हारी जवानी हुस्न व जमाल और मर्दाना कुव्वत को बढ़ाता है।” 

📕 किन्जुल उम्माल: १७३००, अन अनस (र.अ)


10. कुरआन की नसीहत

इंसाफ के साथ वसीयत करो

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है :

“तुम पर फर्ज किया जाता है के जब तुम में से किसी के मरने का वक्त आ जाए, अगर वह कुछ माल भी छोड़ रहा हो तो वह अपने माँ बाप रिश्तेदारों के लिये इन्साफ के साथ वसिय्यत कर जाए। इस हुक्म का पूरा करना खुदा से डरनेवालों के लिये जरूरी है।”

📕 सूरह बकराह: १८०

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