रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया:
अल्लाह तआला क़यामत के दिन फरमाएगा।
“मेरी अजमत की वजह से आपस में मुहब्बत करने वाले लोग आज कहाँ हैं ?
मैं आज उन को अपने साए में जगह दूँगा जब के मेरे साए के अलावा कोई साया न होगा।”
तमाम अहेम अमल की फजीलत के बारे में तफ्सील में जानकारी कुरान और हदीस की रौशनी में
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: “जो तुमने खुद खा लिया वह तुम्हारे लिये सदका है और …
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : “ईमान वालों में ज़ियादा मुकम्मल ईमान वाले वह लोग हैं, …
रसूलल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “ईमान के साठ से ऊपर या सत्तर से कुछ जायद …
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “अल्लाह के नज़दीक बेहतरीन साथी (दोस्त) वह है, जो अपने …
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “जो आदमी अपने मुसलमान भाई से किसी ऐसी चीज़ के …
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “जब आदमी अपने अहले खाना पर सवाब की निय्यत से …
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “सब से जियादा नमाज का सवाब उस आदमी को मिलेगा …
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “कुरआन शरीफ की तिलावत किया करो, इस लिए के कयामत …
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “अल्लाह तआला की इबादत करते रहो, खाना खिलाते रहो और …
औरतों का चंद बातों पर अमल करना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : “अगर औरत पाँच …
मुसाफा मगफिरत का जरिया है रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: “जब दो मुसलमान आपस में मिलते …
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया:
अल्लाह तआला क़यामत के दिन फरमाएगा।
“मेरी अजमत की वजह से आपस में मुहब्बत करने वाले लोग आज कहाँ हैं ?
मैं आज उन को अपने साए में जगह दूँगा जब के मेरे साए के अलावा कोई साया न होगा।”
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“अल्लाह तआला फर्माता है के मै जब अपने मोमिन बंदे को (बीमारी में) मुबतला करता हूँ और वह अपनी इयादत करने वालों से मेरी शिकायत नहीं करता, तो मैं उस को अपनी कैद (यानी बीमारी) से नजात दे देता हूँ, और फिर उस के गोश्त को उससे उम्दा गोश्त और उसके खून को उम्दा खून से बदल देता हूँ ताके नए सिरे से अमल करे।”
📕 मुस्तरदक १२९०, अन अबी हुरैरह (र.अ)
खुलासा: अगर कोइ बिमार हो जाए, तो सब्र करना चाहिए, किसी से शिकायत नही करनी चाहिए, उस पर इसे अल्लाह तआला इन्आमात से नवाज़ता हैं।
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“हर महीने तीन दिन के रोजे रखना उम्र भर रोजा रखने जैसा है।“
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“जो आदमी इस हाल में मर जाए के वह तकब्बुर, खयानत और कर्ज से बरी हो, तो जन्नत में दाखिल होगा।”
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“जब मोमिन दूसरे मोमिन से मिल कर सलाम करता है और उस का हाथ पकड़ कर मुसाफा करता है, तो उन दोनों के गुनाह इस तरह झड़ते हैं जैसे दरख्त के पत्ते गिरते हैं।”
रसूलुल्लाह (ﷺ) से पूछा गया के, “लोगों को सब से ज़ियादा जन्नत में दाखिल करने वाली क्या चीज़ है?” आप (ﷺ) ने फर्माया : “अल्लाह से डरना और अच्छे अख्लाक़“,
और सब से ज़ियादा आग में दाखिल करने वाली चीज़ के बारे में सवाल किया गया।
तो आप (ﷺ) ने फर्माया : मुंह और शर्मगाह।”
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“क्या मैं तुम्हें जन्नती लोगों के बारे में खबर न करूं? सहाबा (र.अ) ने अर्ज किया: जरूर या रसूलल्लाह (ﷺ)!
आप (ﷺ) ने फर्माया: नबी जन्नती है, सिद्दीक जन्नती है और वह आदमी जन्नती है जो सिर्फ अल्लाह की रजा के लिये शहर के दूर दराज इलाके में अपने भाई की जियारत के लिये जाए।“
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“कामयाब हो गया वह आदमी जिस ने अपने दिल को ईमान के लिये सफारिश कर दिया और उसे सही सालिम रखा और अपनी जबान को सच्चा बनाया, अपने नफ़्स को नफ्से मुतमइन्ना और अख़्लाक़ को दुरूस्त बनाया और कानों को हक़ बात सुनने का और आँखों को अच्छी चीजों को देखने का आदी बनाया।”
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : “जो अल्लाह के रास्ते में कत्ल किया जाए, या उसको …
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : “ज़मीन पर जो शख्स भी “La ilaha illallah, Wallahu Akbar, …
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : “क्या मैं तुम को ऐसे शख्स की खबर न दूँ …
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “दिलों में भी ज़ंग लगता है, जैसे के लोहे में …
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “इंसाफ करने वाले अल्लाह तआला के पास नूर के मिम्बरों …
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रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : ”जब कोई आदमी रात को अपनी बीवी को बेदार करता …
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۞ हदीस: रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : “जो कोई खूब अच्छी तरह वुजू करे और …
अबू मूसा (र.अ) से रिवायत है के, कुछ सहाबा ने पूछा, या रसूल अल्लाह ﷺ …
रसूलल्लाह (ﷺ) ने फरमाया :
“जिस ने पीठ पीछे अपने भाई की इज्जत की हिफाजत की। अल्लाह तआला अपनी जिम्मेदारी से उस को (जहन्नम की) आग से आज़ाद कर देगा।”
रसूलल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “जिस ने अस्सलामु अलैकुम कहा, उस के लिये दस नेकियाँ …
रसूलल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : “अच्छे अख्लाक बुराइयों को इस तरह खत्म कर देते हैं …
रसूलल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “अल्लाह तआला ने कुछ बन्दों को लोगों की जरूरत पूरी …
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “जिस ने किसी मरीज़ की इयादत की, या किसी दीनी …
रसुलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “जब औरत पाँच वक्त की नमाज पढती रहे और अपनी …
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “जो मोमिन अपने भाई के किसी ऐब को छुपाएगा तो …
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “थोड़ी देर का इन्साफ साठ साल की शब बेदारी और …
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “जो शख्स ऐसा रास्ता चले जिस में इल्म की तलाश …
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: “जो शख्स (माशाअल्लाह ला हौल वाला क़ूवता इल्लाह बिल्लाह ) पढ़ लिया …