रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया:
“जो शख्स रमजान के रोजों को रखने के बाद शव्वाल के छ: (६) रोजे भी रखे, तो वह पूरे साल के रोजे रखने के बराबर है।
फायदा: जो शख्स शव्वाल के पूरे महीने में कभी भी इन छ रोजों को रखेगा तो वह इस फजीलत का मुस्तहिक होगा।
Home » Quotes » सिर्फ पाँच मिनट का मदरसा » शव्वाल में छ: (६) रोजे की फ़ज़ीलत
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया:
“जो शख्स रमजान के रोजों को रखने के बाद शव्वाल के छ: (६) रोजे भी रखे, तो वह पूरे साल के रोजे रखने के बराबर है।
फायदा: जो शख्स शव्वाल के पूरे महीने में कभी भी इन छ रोजों को रखेगा तो वह इस फजीलत का मुस्तहिक होगा।