सिर्फ पांच मिनिट का मदरसा
क़ुरआन व सुन्नत की रौशनी में


१. इस्लामी तारीख

कौमे नूह पर अल्लाह का अजाब

हज़रत नूह (अ.) साढ़े नौ सौ साल तक अपनी कौम को दावत देते रहे और कौम के अफराद बार बार अजाब का मुतालबा करते रहे, साथ ही अल्लाह तआला ने हजरत नूह (अ.) को खबर दी के मौजूदा ईमान वालों के अलावा कोई और ईमान नहीं लाएगा।

तो उन्होंने दुआ की: ऐ अल्लाह! अब इन बदबख्तों पर ऐसा अज़ाब नाजिल फर्मा के एक भी काफिर व मुशरिक जमीन पर जिन्दा न बचे

अल्लाह तआला ने उन की दुआ कुबूल फ़र्मा ली और हुक्म दिया के तुम हमारी निगरानी और हुक्म के तहत एक कश्ती तय्यार करो, चुनान्चे एक कश्ती तय्यार की गई.

फिर अल्लाह तआला के हुक्म से जमीन व आस्मान से पानी के दहाने खुल गए और देखते ही देखते जमीन पर पानी ही पानी जमा हो गया, उस वक़्त हज़रत नूह (अ.) ब हुक्मे खुदावन्दी मोमिनीन और जान्दारों में से एक एक जोड़े को लेकर कश्ती में सवार हो गए, बाक़ी तामाम काफिर व मुशरिक पानी के इस तूफान में हलाक हो गए, तक़रीबन छ: महीने के बाद कश्ती १० मुहर्रमुलहराम को जूदी पहाड़ पर ठहरी तो हज़रत नूह अहले ईमान को लेकर अमन व सलामती के साथ जमीन पर उतरे और फिर अल्लाह तआला ने उन्हीं से दुनिया की आबादी का दोबारा सिलसिला शुरू फ़रमाया, इसीलिये आपको “आदमे सानी” कहा जाता है।


२. अल्लाह की कुदरत

फिरौन का इबरतनाक अंजाम

कुरआन के बयान के मुताबिक खुदाई का दावा करने वाले फिरऔन की नाफरमानी जब हद से बढ़ गई, तो अल्लाह तआला ने समन्दर में डुबा कर हलाक कर दिया और साथ ही यह ऐलान किया के उस की लाश को आने वाले लोगों के लिए इबरत बनाऊँगा।

चुनान्चे मुहकिकीन की राए के मुताबिक फिरऔन की लाश सन १८८१ में समन्दर से मिली, जो तकरीबन तीन हजार एक सौ सोला साल बाद समंदर से निकाली गई और इतनी लम्बी मुद्दत गुजरने के बाद भी लाश को गलने सड़ने से महफूज रखा, जो आज भी मिस्र के म्यूजियम में मौजूद है, आखिर वह कौन सी जात है? जिस ने समन्दर में भी उसकी लाश को महफूज रखा।

यकीनन अल्लाह की जात बड़ी कुदरत वाली है।

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📕 अल्लाह की कुदरत


३. हुजूर (ﷺ) का मुअजिजा

बेहोशी से शिफ़ा पाना

हज़रत जाबिर (र.अ) फ़र्माते हैं के –

“एक मर्तबा मैं सख्त बीमार हुआ, तो रसूलुल्लाह (ﷺ) और हजरत अबू बक्र सिद्दीक (र.अ) दोनों हज़रात मेरी इयादत को तशरीफ़ लाए, यहां पहुँच कर देखा के मैं बेहोश हूँ तो आप (ﷺ) ने पानी मंगवाया और उससे वुजू किया और फिर बाकी पानी मुझपर छिड़का, जिससे मुझे इफ़ाका हुआ और मैं अच्छा हो गया।

📕 मुस्लिम: ४१४७, जाबिर बिन अब्दुल्लाह (र.अ)


४. एक फ़र्ज़ अमल के बारे में

देवर तो मौत है | शौहर के भाइयों से परदे का हुक्म

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“ना महरम) औरतों के पास आने जाने से बचो!
एक अन्सारी सहाबी ने अर्ज किया : देवर के बारे में आप क्या फ़र्माते हैं ?
तो आप (ﷺ) ने फर्माया: देवर तो मौत है।”

📕 बुखारी : ५२३२

वजाहत: शौहर के भाई वगैरह से परदा करना इन्तेहाई जरूरी है
और उस से इस तरह बचना चाहिये। जिस तरह मौत से बचा जाता है।


5. एक सुन्नत अमल के बारे में


6. एक अहेम अमल की फजीलत

शहीद कौन कौन लोग हैं

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया:

“पाँच लोग शहीद हैं। ताऊन में मरने वाला, पेट की बीमारी में मरने वाला, डूब कर मरने वाला, दीवार वग़ैरा के गिरने से मरने वाला और राहे ख़ुदा में कत्ल होने वाला।”

📕 बुखारी: ६५३ अन अबी हुरैरा (र.अ)


7. एक गुनाह के बारे में

शराब, जुवा, बूत और फाल खोलना सब शैतानी काम है

क़ुरान में अल्लाह तआला फ़र्माता है

“ऐ ईमान वालो! सच्ची बात यह है के शराब, जुवा, बूत और फाल खोलने के तीर, यह सब शैतान के नापाक काम है, लिहाजा तुम इनसे बचो! ताके तुम अपने मकसद में कामयाब हो जाओ।”

📕 सूरह मायदा १०५


8. दुनिया के बारे में

माल व औलाद की मुहब्बत

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : 

“(माल व औलाद की) कसरत और (दुनिया के सामान पर) फख्र ने तुम को (अल्लाह की याद से) ग़ाफिल कर दिया है, यहाँ तक के तुम कब्रिस्तान जा पहुँचते हो, हरगिज़ ऐसा न करो, तुमको बहुत जल्द मालूम हो जाएगा।” 

📕 सूरह तकासुरः १ ता ३


9. आख़िरत के बारे में

झूठे बादशाह का अंजाम: हदीस

झूठे बादशाह का अंजाम: हदीस

अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने फ़रमाया:

“अल्लाह तआला रोज़े क़यामत 3 तरह के लोगो से न कलाम करेगा और न ही उनकी तरफ नज़रे रेहमत से देखेगा, और उनको दर्दनाक अजाब में मुब्तेला करेगा, और वो 3 ये लोग होंगे:

“बुढा जानी, झूठा बादशाह और मुतक्कबिर फ़क़ीर।”

📕 सहीह मुस्लिम, हदीस 107


10. तिब्बे नबवी से इलाज

कलौंजी में मौत के सिवा हर बीमारी का इलाज

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“तुम इस कलौंजी (मंगरैला) को इस्तेमाल करो, क्योंकि इस में मौत के अलावा हर बीमारी से शिफ़ा मौजूद है।”

📕 बुखारी: 5687, अन आयशा (र.अ)

एक और रिवायत में आप (ﷺ) ने फ़रमाया :

“बीमारियों में मौत के सिवा ऐसी कोई बीमारी नहीं, जिस के लिये कलौंजी में शिफा नहो।”

📕 मुस्लिम ५७६८


11. क़ुरआन व सुन्नत की नसीहत

तुम्हारे रब ने फरमाया है के मुझ से दुआ माँगो

कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है :

“तुम्हारे रब ने फरमाया है के मुझ से दुआ माँगो मैं तुम्हारी दुआ कबूल करूँगा, बिला शुबा जो लोग मेरी इबादत करने से एराज़ करते हैं, वह अन्ज़रीब ज़लील हो कर जहन्नम में दाखिल होंगे।”

📕 सूरह मोमिन ६०