नमाज के बाद दूसरी नमाज़ का इंतज़ार करने की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: "तकलीफ और नागवारी के बावजूद पूरी तरह मुकम्मल वुजू करना, मस्जिदों की तरफ जियादा कदम बढ़ाना और एक नमाज के बाद दूसरी नमाज़ का इंतज़ार करना, यह आमाल गुनाहों से (आदमी को) बिलकुल पाक साफ कर देते हैं।" 📕 मुस्तदरक : ४५६
नमाज़ दीन ऐ इस्लाम का सुतून है एक आदमी ने आप (ﷺ) से अर्ज़ किया ऐ अल्लाह के रसूल ! इस्लाम में अल्लाह के नजदीक सबसे ज़ियादा पसन्दीदा अमल क्या है ? आप (ﷺ) ने फर्माया : "नमाज़ को उस के वक्त पर अदा करना और जो शख्स नमाज़ को (जान बूझ कर) छोड़ दे उसका कोई…
नमाज़ में भूल चूक हो जाए तो सज्दा-ए-सहव करना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जब तुम में से किसी को (नमाज़ में) भूल चूक हो जाए, तो सज्दा-ए-सहव कर ले।" 📕 मुस्लिम १२८३ फायदा : अगर नमाज़ में कोई वाजिब से छूट जाए या वाजिबात और फराइज़ में से किसी को अदा करने में देर हो जाए तो सज्द-ए-सब करना…
नमाज़ में इमाम की पैरवी करना हज़रत अबू हुरैरह (र.अ) फ़र्माते हैं के रसूलुल्लाह (ﷺ) हमें सिखाते थे के "(नमाज़ में) इमाम से पहले रुक्न अदा न किया करो।" 📕 मुस्लिम : १३२ फायदा : अगर इमाम के पीछे नमाज पढ़ रहा हो, तो तमाम अरकान को इमाम के पीछे अदा करना चाहिये, इमाम से आगे…
बिजली कड़कने और बादल गरजने के वक़्त की दुआ अब्दुल्लाह बिन ज़ुबैर रज़ियल्लाहु अन्हुमा जब बादल की गरज सुनते तो बातें छोड़ देते और यह दुआ पढ़ते। (Subhanal-lathee yusabbihur-raAAdu bihamdih, walmala-ikatu min kheefatih.) 📕 मुअत्ताः 2/992 तर्जुमा : पाक है वह ज़ात बादल की गरज जिसकी तस्बीह़ बयान करती है उसकी तारीफ के साथ और फ़रिश्ते भी उसके डर…
फज़्र और अस्त्र की नमाज़ पाबन्दी से अदा करना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "हरगिज़ वह आदमी जहन्नम में दाखिल नहीं हो सकता, जो सूरज निकलने से पहले फज़्र की नमाज और सूरज गुरूब होने से पहले अस्र की नमाज़ पढ़े।" 📕 मुस्लिम : १४३६
रुकू व सज्दा अच्छी तरह न करने पर वईद रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : "बदतरीन चोरी करने वाला शख्स वह है जो नमाज़ में से भी चोरी कर ले, सहाबा ने अर्ज किया : या रसूलल्लाह (ﷺ) ! नमाज़ में से कोई किस तरह चोरी करेगा ? फर्माया : वह रुकू और सज्दा अच्छी तरह से नहीं करता है।"…