लोगों से अपनी जरूरत छुपाए रखने की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "जो शख्स भूका हो, या उस को कोई और खास हाजत हो और वह अपनी उस भूक और हाजत को लोगों से छुपाए रखे (यानी उन के सामने जाहिर कर के उनसे सवाल न करे) तो अल्लाह तआला के जिम्मे है के उस को हलाल…
मोमिन पर तोहमत लगाने का गुनाह रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जो शख्स अपने मोमिन भाई को मुनाफिक के शर से बचाए, तो अल्लाह तआला कयामत के दिन ऐसे आदमी के साथ एक फरिश्ते को मुकर्रर कर देगा, जो उसके बदन को जहन्नम से बचाएगा; और जो आदमी भोमिन भाई पर किसी चीज़ की तोहमत लगाए…
तहज्जुद की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : ”जब कोई आदमी रात को अपनी बीवी को बेदार करता है और अगर उस पर नींद का ग़लबा हो, तो उसके चेहरे पर पानी छिडक कर उठाता है और फिर दोनों अपने घर में खड़े होकर रात का कुछ हिस्सा अल्लाह की याद में गुज़रते…
काफिर का मरऊब हो जाना हज़रत जाबिर (र.अ) फर्माते हैं के हम रसूलुल्लाह (ﷺ) के साथ एक ग़ज़वे में जा रहे थे, रास्ते में एक जगह पड़ाव डाला, तो लोग इधर उधर दो दो, तीन तीन की जमात बना कर दरख्तों के नीचे आराम करने लगे, रसूलुल्लाह (ﷺ) भी एक दरख्त के नीचे आराम फरमाने…
मोमिन का ऐब छुपाने की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जो मोमिन अपने भाई के किसी ऐब को छुपाएगा तो अल्लाह तआला उसकी वजह से उस को जन्नत में दाखिल फरमाएगा"
बोहतान - झूठा इलज़ाम लगाने का अज़ाब रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "जिस ने किसी मोमिन के बारे में ऐसी बात कही जो उस में नहीं है, तो अल्लाह तआला उस को दोज़खियों के पीप में डाल देगा, यहाँ तक के उस की सजा पा कर उस से निकल जाए।"
अल्लाह के रास्ते में मौत की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "जो अल्लाह के रास्ते में कत्ल किया जाए, या उसको मौत आजाए, तो वह (सीधा) जन्नत में जाता है।" 📕 मुस्तदरक हाकिम: २५२१, अन उमर (र.अ)
लोगों की जरूरतें पूरी करने वालो की फ़ज़ीलत रसूलल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "अल्लाह तआला ने कुछ बन्दों को लोगों की जरूरत पूरी करने के लिये पैदा किया है, लोग उन के पास अपनी ज़रूरत ले कर जाते हैं, लोगों की जरूरत पूरी करने वाले यह लोग अल्लाह के अज़ाब से महफूज रहेंगे।”
पाक दामन औरतों पर तोहमत लगाने का गुनाह क़ुरान में अल्लाह तआला फ़रमाता है - "जो लोग पाक दामन औरतों पर (ज़िना की) तोहमत लगाते हैं, फिर अपने दावे पर चार गवाह न ला सकें, तो ऐसे लोगों को अस्सी कोड़े लगाओ और आइन्दा कभी उन की गवाही कबूल न करो और यह लोग (सख्त) गुनहगार हैं, मगर…
दो आदतें रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "जो शख्स दीनी मामले में अपने से बुलन्द शख्स को देख कर उस की पैरवी करे और दुनियावी मामले में अपने से कमतर को देख कर अल्लाह तआला की अता करदा फजीलत पर उस की तारीफ करे, तो अल्लाह तआला उस को (इन दो आदतों…
इल्म की फजीलत रसूलल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "इल्म की फजीलत इबादत की फजीलत से बेहतर है और दीन में बेहतरीन चीज़ तक़वा व परहेजगारी है।"
दुनियावी ख्वाहिशों को पूरा करने का अंजाम रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "जो शख्स दुनिया में अपनी ख्वाहिशों को पूरा करता है, वह आखिरत में अपनी ख्वाहिशात के पूरा करने से महरूम होता है।" नोट: अपनी तमाम चाहतों को इसी में पूरी करने की कोशिश नहीं करनी चाहिये वरना आखिरत में महरूम हो जाएगा।
सज्दा करने का सुन्नत का तरीका रसूलुल्लाह (ﷺ) जब सज्दा फरमाते तो अपनी नाक और पेशानी को जमीन पर रखते और अपने बाजुओं को पहलू से अलग रखते और अपनी हथेलियों को कांधे के बराबर रखते।
रसूलुल्लाह (ﷺ) की ताइफ से वापसी रसूलुल्लाह (ﷺ) ने ताइफ जा कर वहाँ के सरदारों और आम लोगों को दीने हक़ की दावत दी, मगर वहाँ के लोगों ने इस्लाम कबूल करने के बजाए, रसूलुल्लाह (ﷺ) की सख्त मुखालफत की, गालियाँ दी, पत्थरों से मारा और शहर से बाहर निकाल दिया, पत्थरों की चोट से आप…
शव्वाल में छ: (६) रोजे की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया: “जो शख्स रमजान के रोजों को रखने के बाद शव्वाल के छ: (६) रोजे भी रखे, तो वह पूरे साल के रोजे रखने के बराबर है। फायदा: जो शख्स शव्वाल के पूरे महीने में कभी भी इन छ रोजों को रखेगा तो वह इस फजीलत का मुस्तहिक…
हर बीमारी का इलाज एक मर्तबा हज़रत जिब्रईल (अ) रसूलुल्लाह (ﷺ) के पास तशरीफ़ लाए और पूछा: ऐ मुहम्मद (ﷺ) ! क्या आप को तकलीफ है? रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: हाँ! तो जिब्रईल ने यह दुआ पढ़ी: तर्जमा: अल्लाह के नाम से दम करता हूँ हर उस चीज़ से जो आपको तकलीफ़ दे ख्वाह…
अपने अख़्लाक़ दुरूस्त करने की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "कामयाब हो गया वह आदमी जिस ने अपने दिल को ईमान के लिये सफारिश कर दिया और उसे सही सालिम रखा और अपनी जबान को सच्चा बनाया, अपने नफ़्स को नफ्से मुतमइन्ना और अख़्लाक़ को दुरूस्त बनाया और कानों को हक़ बात सुनने का और…
कसरत से सज्दा करने की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "कसरत से सज्दा किया करो क्योंकि जब तुम सिर्फ और सिर्फ अल्लाह के लिये सज्दा करोगे तो अल्लाह तआला उस के बदले तुम्हें एक दर्जा बुलंद करेगा और तुम्हारा एक गुनाह माफ करेगा।" 📕 मुस्लिम: 1093
बीमारी की शिकायत न करना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "अल्लाह तआला फर्माता है के मै जब अपने मोमिन बंदे को (बीमारी में) मुबतला करता हूँ और वह अपनी इयादत करने वालों से मेरी शिकायत नहीं करता, तो मैं उस को अपनी कैद (यानी बीमारी) से नजात दे देता हूँ, और फिर उस के गोश्त…
गूलर के फल में अल्लाह की कुदरत अल्लाह तआला ने दुनिया में हजारों किस्म के फल पैदा किये लेकिन गूलर के फल में अल्लाह तआला ने अपनी कुदरत का इस तरह इजहार फ़र्माया के जब गूलर का फल पक जाता है तो उसकी तोड़ने पर बोहोत से कीडे निकलते हैं, जो अपने परों के जरिये उड कर…