गुनाहों की मगफिरत का वजीफा

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया :

“ज़मीन पर जो शख्स भी “La ilaha illallah, Wallahu Akbar, La Hawla Wala Quwwata Illa Billahil Aliyyil Azeem” पढ़ता है, तो उस के तमाम गुनाह माफ हो जाते हैं ख्वाह समन्दर के झाग के बराबर हों।”

📕 तिर्मिज़ी : ३४६०