हर साल मुसीबत में मुबितला किए जाते हैं –
۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞
” क्या वह लोग (इतना भी) नहीं देखते कि
हर साल एक मरतबा या दो मरतबा बला (मुसीबत) में
मुबितला किए जाते हैं फिर भी न तो ये लोग तौबा ही करते हैं
और न नसीहत ही मानते हैं”
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