Category Archives: अहेम अमल की फजीलत
हज व उमरह एक साथ की फ़ज़ीलत
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया: “हज और उमरह को एक साथ किया करो इस लिए के... [Read More]
खौफे खुदा में रोना
रसूलल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “जो आदमी अल्लाह के डर से रोए उसका जहन्नम में... [Read More]
जानवर पर रहेम करने का सवाब
अबी हुरैरह (र.अ) से रिवायत है के, पूछा गया : “या रसूलल्लाह ! क्या जानवरों... [Read More]
मौत को कसरत से याद करने की फ़ज़ीलत
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “दिलों में भी ज़ंग लगता है, जैसे के लोहे में... [Read More]
दिलों को भी जंग लग जाता है, जैसे लोहे में पानी पहुँचने के बाद जंग लग जाता है
रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “दिलों को भी जंग लग जाता है, जैसे लोहे में... [Read More]
दुआ करना बेकार नहीं जाता
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: “बे शक तुम्हारा रब शर्म व हया करने वाला और बड़ा... [Read More]
कुरआन की तिलावत करना
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “कुरआन शरीफ की तिलावत किया करो, इस लिए के कयामत... [Read More]
जन्नत में दाखिल करने वाले आमाल
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “अल्लाह तआला की इबादत करते रहो, खाना खिलाते रहो और... [Read More]
मस्जिद की सफाई का इन्आम
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: “जो शख्स मस्जिद का कूड़ा करकट साफ़ करेगा, अल्लाह तआला उस... [Read More]
गुनाहों से बचने की दुआ
गुनाहों से बचने की दुआ गुनाहों से बचने के लिए यह दुआ पढ़े: “ऐ अल्लाह... [Read More]
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यतीम की परवरिश करना
रसुलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “मुसलमानों में बेहतरीन घर वह है, जिसमें कोई यतीम हो... [Read More]
इस्तिगफार की बेशुमार बरकतें
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “जो शख्स पाबंदी के साथ इस्तिगफ़ार करेगा, अल्लाह तआला हर... [Read More]
नर्म मिज़ाजी इख्तियार करना
लोगों के साथ नर्मी से पेश आने की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : “क्या... [Read More]
बाराह रकात नफ़्ल नमाज अदा करने की फ़ज़ीलत
रसुलल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “जो शख्स एक दिन में बाराह रकात नफ़्ल नमाज़ पढ़ेगा,... [Read More]
रास्ते से तकलीफ़ देह चीज़ को हटाने की फ़ज़ीलत
सूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “एक आदमी का इन्तेकाल हो गया, उसने कोई नेकी नहीं... [Read More]
मेहमान का इकराम करने की फ़ज़ीलत
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “जब कभी भी कोई मुसलमान अपने मुसलमान भाई से मुलाकात... [Read More]
हर नमाज के बाद तस्बीह फातिमी अदा करना
रसूलल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “जो हर फ़र्ज नमाज़ के बाद ३३ मर्तबा “सुभानअल्लाह” ३३ मर्तबा “अलहम्दुलिल्लाह” और ३४... [Read More]
सदके से शैतान की शिकस्त
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “जब कोई शख्स किसी चीज़ को सदके में निकाल देता... [Read More]
मस्जिदे नबवी में चालीस नमाज़ों का सवाब
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “जिस ने मेरी मस्जिद में चालीस नमाज़े अदा की और... [Read More]
एक दिन के नफ़ली रोजे का सवाब
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “अगर कोई शख्स अल्लाह के वास्ते एक दिन का नफ़ली... [Read More]