Badal Garajne ki Dua
हदीस: अब्दुल्लाह बिन ज़ुबैर रज़ियल्लाहु अन्हुमा
जब बादल की गरज सुनते तो बातें छोड़ देते और यह दुआ पढ़ते।
سُبْحَانَ اللَّهِ الَّذِي
يُسَبِّحُ الرَّعْدُ بِحَمْدِهِ وَالْمَلَائِكَةُ مِنْ خِيفَتِهِ
(Subhanal-lathee yusabbihur-raAAdu bihamdih,
walmala-ikatu min kheefatih.)
सुब्हानल्लाहिल्लजी युसब्बिहुर- रअदु – बिहम्दीहि-वल मलाइकतु-मिन-खी-फतिह 1
📕 इब्नेकसीर : सूरह रध्द आयत ( 13 ) की तफ्सीर
तर्जुमा : पाक है वह ज़ात बादल की गरज जिसकी तस्बीह़ बयान करती है उसकी तारीफ के साथ और फ़रिश्ते भी उसके डर से उसकी तस्बीह़ पढ़ते हैं।
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