सेहरी और इफ्तारी की दुआ | Sehri aur Iftari ki Dua

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सेहरी की दुआ Hindi

Sehri wa Iftari ki Dua

Roza Rakhne ki Dua

मुआशरे में सेहरी के नियत की जो दुआ मशहूर है वो हदीस से साबित नहीं।
नियत दिल के इरादे का नाम है।

आपका सहरी के लिए उठना ही नियत में शुमार है। लिहाजा :

सेहरी के लिए किसी खास दुआ का एहत्माम करना जरुरी नहीं।

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इफ्तारी की दुआ in Hindi

Iftari ki Dua in hindi
Roza kholne ki Dua in Hindi

इफ्तारी की दुआ हिंदी में

इफ्तार बिस्मिल्लाह कह कर शुरू करे, और इफ्तारी के बाद रोजा खोलने की ये दुआ पढ़ेः

ذَهَـبَ الظَّمَـأُ، وَابْتَلَّـتِ العُـروق، وَثَبَـتَ الأجْـرُ إِنْ شـاءَ الله

जहबज-जमाउ वबतल्लती उरुकु व सबतल-अजरु इंशा अल्लाह

प्यास खत्म हुई, रगे तर हो गयी और रोजे का सवाब इंशाअल्लाह पक्का हो गया।

📕 सुनन अबू दाऊद; हदीस: 2357

अल्लाह ताला हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल की तौफीक दे। आमीन


इफ्तार करवाने वाले के लिए दुआ

“अफ-तर- इन्द कुमुस्साइमुन व- अ-क-ल तआ-म-कुमुल अब्रारू सल्लत्अलैकुमुल मलाइकह”

तर्जुमा : रोज़ेदार तुम्हारे पास इफतार करें और नेक लोग तुम्हारा खाना खाएँ और फरिश्ते तुम पर रहमत भेजें।

📕 सुनन अबी दाऊद : किताबुल अत्एमह (3854)


✓ रोज़दार की दुआ जब खाना हाज़िर हो और वो रोज़ा ना खोले

۞ हदीस: आप (ﷺ) ने फरमाया: “जब तुम में से किसी शक्स को खाने की दावत दी जाए तो उसे क़बूल करे, अगर उसने रोज़ा रक्खा हो तो दुआ कर दे अगर रोज़ से ना हो तो खा ले।”

📕 सहीह मुस्लिम 1431


रोज़ेदार को कोई गाली दे तो क्या करे?

अगर कोई रोज़ेदार को गाली दे तो उसका जवाब में ये कहे: “इन्नी सा’इमुन, रिन्नी सारहनुन.” (मैं रोज़े से हूं, मैं रोज़े से हूं।)

📕 सहीह बुखारी 1894


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