कसरत से अल्लाह का जिक्र करना

कसरत से अल्लाह का जिक्र करना

अब्दल्लाह बिन अबी औफ़ (र.अ) बयान करते हैं के :

“रसुलल्लाह (ﷺ) कसरत से (अल्लाह का) जिक्र फरमाते, बेजा बात ना फरमाते, नमाज़ लम्बी पढ़ते, खुत्बाब मुख्तसर देते और बेवाओं और मिस्कीनों की जरुरत पूरी करने के लिए चलने में आर और शर्म महसूस न फरमाते।”

📕 नसई : १४१५

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