कर्ज़ अदा करना

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :

“क़र्ज़ की अदायगी पर ताकत रखने के बावजूद टाल मटोल करना जुल्म है।”

📕 बुखारी : २४००, अन अबू हुरैरह (र.अ)

फायदा: अगर किसी ने कर्ज़ ले रखा है और उस के पास कर्ज अदा करने के लिए माल है, तो फिर कर्ज, अदा करना ज़रूरी है, टाल मटोल करना जाइज नहीं है।




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