मुआज दिन अनस (र.अ) से रिवायत है के,
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“सरासर जुल्म, कुफ्र और निफाक है उस शख्स का जो अल्लाह के मुनादी (यानी मोअज्जिन) की आवाज़ सुने और नमाज़ को न जाए।”
मुआज दिन अनस (र.अ) से रिवायत है के,
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“सरासर जुल्म, कुफ्र और निफाक है उस शख्स का जो अल्लाह के मुनादी (यानी मोअज्जिन) की आवाज़ सुने और नमाज़ को न जाए।”
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