ग़ारे सौर से हुजूर (ﷺ) की रवानगी

1 Islami Traikh Islamic History in hindi

रसूलुल्लाह (ﷺ) हिजरत के दौरान गारे सौर में जुमा, सनीचर और इतवार तीन दिन रहे, फिर जब मक्का में शोर व हंगामे में कमी हुई तो मदीना के लिये निकलने का इरादा फ़रमाया, अब्दुल्लाह बिन अरीक़त को रास्ते की रहनुमाई में बहुत महारत थी, उन्हें हज़रत अबू बक्र (र.अ.) ने दो सवारी देकर मदीना पहुँचाने के लिये उजरत पर पहले ही से तय्यार कर रखा था, जब अब्दुल्लाह बिन अरीक़त सवारियाँ ले कर आया, तो आप (ﷺ) की खिदमत में पेश किया, चुनान्चे आपने एक ऊँटनी क़ीमतन पसन्द किया।

इस तरह हुजूर (ﷺ) , हज़रत अबू बक्र, आमिर बिन फुहरा और अब्दुल्लाह बिन अरीकत मदीना की तरफ निकल पड़े। इन हज़रात ने आम रास्ते को छोड़ कर साहिली रास्ता इख्तियार किया, इसी सफर में आप (ﷺ) का गुजर उम्मे माबद के खेमे से हुआ, तो आप ने उम्मे माबद की इजाजत से उन की खुश्क थनों वाली और कमजोर बकरी से दूध दूहा, सब ने सैर हो कर पिया, फिर दूध दूह कर उम्मे माबद को दे कर सफर का रुख किया।

कुफ्फार ने एलान किया था के जो मुहम्मद (ﷺ) को गिरफ्तार कर के लाएगा, उस को इनाम में सौ ऊँट दिए जाएँगे। चुनान्चे सुराक़ा बिन मालिक ने ऊँटों की लालच में घोड़े पर सवार हो कर पीछा किया। जब क़रीब पहुँचा तो आप (ﷺ) ने दुआ फर्माई, जिसकी वजह से उस के घोड़े के अगले दोनों पैर घुटनों तक जमीन में फँस गए। वह माफी माँगने लगा और वादा किया के अगर नजात मिली, तो कुफ्फार को आपका पीछा करने से रोक दूंगा, फिर आप (ﷺ) ने दुआ फ़र्माई तो उस को नजात मिली।

📕 इस्लामी तारीख




WhatsApp Channel Join Now

Comment

Leave a Reply