Eid ka Asal Paigam | Eid Mubarak ki Dua
रमज़ान के पूरे महीने में भूक और प्यास को बर्दाश्त करने के बाद ईद की ख़ुशी इस बाद की मिसाल है कि ज़िन्दगी की मुसीबतों पर सब्र करने के बाद कभी ना कम होने वाली जन्नत की खुशियाँ हैं।
हदीसों से पता चलता है कि जन्नत में जाने के बाद लोग एक दुसरे से बहुत मुहब्बत करने लगेंगे और अगर किसी से दुनियां में मन मुटाव था तो वो भी ख़त्म कर के एक दुसरे की खताओं को माफ़ कर देंगे।
ईद का असल पैगाम
ईद का भी यही पैगाम है की , ईद कोई हाल्ला मचाने का त्यौहार नहीं है, बल्कि यह आपसी रंजिशों को मिटा कर एक दुसरे को खुशियाँ बाँटने का मौका है, एक दुसरे की गलतियों और अपने हक़ को माफ़ कर सब को गले लगाने का त्यौहार है,
आप हमसे यह ना कहना कि लोग बुरे हैं….
अगर वे अच्छे होते तो फिर आप की क्या जिम्मेदारी थी ?
इसलिए सब पिछली बातें भूल जाइये और सब मुस्लिम गैर मुस्लिम जिनसे भी मन मुटाव चल रहा है उनकी तरफ दोस्ती का हाथ बढाइये इसी अमल से अल्लाह के यहाँ यह साबित होगा कि आप ने रमज़ान में सब्र करना सीख लिया था।
इसी गुज़ारिश के साथ हम सब की तरफ से Ummat-e-nabi.com ब्लॉग के सभी रीडर्स और उनके परिवारों को यह ईद बहुत बहुत मुबारक हो।
ईद मुबारक की दुआ:
(Taqabalallahu Minna wa Minkum)
तक़ब्बल अल्लाहु मिन्न वा मिनकुम
“May Allah accept it from you and us”
Wish you and your Loved one’s a Very Happy and Prosperous Eid-ul-Fitr. May this Eid bring Peace and Tranquility to our Home, to this Nation and to the whole World.
Let’s try to maintain Spirit of Ramadan in our life in the Days to come.
Ameen ! Allahumma Ameen .
✍️ Mohammad Salim
🔗 Ummat-e-nabi.com Team