जानिए - रोज़ा क्या और क्यों ? इंसान के बुनियादी सवाल !!! इस सम्पूर्ण विश्व और इंसान का अल्लाह (ईश्वर) एक है। ईश्वर ने इंसान को बनाया और उसकी सभी आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रबंध किया। इंसान को इस ग्रह पर जीवित रहने के लिए लाइफ…
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 38 https://www.youtube.com/playlist?list=PLqFqfE_wU2p6o-yao7hgl8YH54J1qoKQz Seerat un Nabi (ﷺ) Series: Part 38 पेज: 324 दगाबाज़ कासिद यह बात तो सब पर अयां थी कि मक्का वाले मुसलमानों के जबरदस्त दुश्मन हैं। बद्र और उहद की लड़ाइयों में उन के सरदार मारे जा चुके थे,…
भूत, प्रेत, बदरूह की हकीकत भूत, प्रेत, बदरूह: ये नाम अकसर इन्सानी ज़हन मे आते ही एक डरावनी और खबायिसी शख्सियत ज़ेहन मे आती हैं क्योकि मौजूदा मिडिया ने इन्सान को इस कदर गुमराह कर रखा हैं के जो नही हैं उसको इतनी खूबसूरती के…
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 14 https://www.youtube.com/playlist?list=PLqFqfE_wU2p6o-yao7hgl8YH54J1qoKQz Seerat un Nabi (ﷺ) Series: Part 14 दिल दहला देने वाला जुल्म कुफ्फ़ारे कुरैश ने जो अहदनामा तैयार कर के काबे के दरवाजे पर लटकाया था, उस में बातें तो बहुत कुछ लिखी थीं, लेकिन जिक्र करने लायक कुछ…
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 22 https://www.youtube.com/playlist?list=PLqFqfE_wU2p6o-yao7hgl8YH54J1qoKQz Seerat un Nabi (ﷺ) Series: Part 22 हिजरत की दावत हुजूर (ﷺ) ने मुसअब बिन उमैर (र.अ) को यसरब तब्लीगे इस्लाम के लिए भेजा था। हुजूर (ﷺ) को उन का बड़ा ख्याल था। जब कोई आदमी यसरब से आता,…
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 11 https://www.youtube.com/playlist?list=PLqFqfE_wU2p6o-yao7hgl8YH54J1qoKQz Seerat un Nabi (ﷺ) Series: Part 11 पेज: 93 हज़रत अमीर हमज़ा इस्लाम की गोद में इस इन्तिजाम के बाद उन्हों ने उन मुसलमानों पर जो मक्के में रह गये थे और रसूल सल्ल. की मुहब्बत की वजह से…
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 18 https://www.youtube.com/playlist?list=PLqFqfE_wU2p6o-yao7hgl8YH54J1qoKQz Seerat un Nabi (ﷺ) Series: Part 18 तायफ़ वालों की गुस्ताखियां मक्का के सरदार कुफ्र व शिर्क में हद से ज्यादा बढ़े हुए थे। वे उन गरीबों को जिन के दिल इस्लाम की तरफ़ झुक गये थे, मुसलमान होने…
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 23 https://www.youtube.com/playlist?list=PLqFqfE_wU2p6o-yao7hgl8YH54J1qoKQz Seerat un Nabi (ﷺ) Series: Part 23 कत्ल का मंसूबा वतन और घर-बार छोड़ना आसान नहीं होता, फिर ऐसी हालत में कि जो कुछ पूंजी हो, दिन दहाडे लूट ली जाए, बच्चे छीन लिए जाएं, बीवी जबरदस्ती जुदा कर…