शोहर के इजाजत की अहमियत: हदीस
अबू हरैराह (रज़ी) से रिवायत है के,
अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने फ़रमाया:
“शोहर की गैर हाजिरी मे इसकी इजाजत के बगैर कोई औरत रोज़ा ना रखे सिवाय रमज़ान के, और बगैर इस की इजाजत के इस की मौजूदगी में किसी को घर में आने की इजाजत न दे।”
अबू हरैराह (रज़ी) से रिवायत है के,
अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने फ़रमाया:
“शोहर की गैर हाजिरी मे इसकी इजाजत के बगैर कोई औरत रोज़ा ना रखे सिवाय रमज़ान के, और बगैर इस की इजाजत के इस की मौजूदगी में किसी को घर में आने की इजाजत न दे।”
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