
ग़लत हदीस बयान करने की सज़ा
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :
“मेरी हदीस को बयान करने में एहतियात करो और वही बयान करो जिस का तुम्हें यक़ीनी इल्म हो, जो शख्स जान बूझ कर मेरी तरफ से कोई गलत बात बयान करे, वह अपना ठिकाना जहन्नम में बना ले।”
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