“हमने उन (कौमे आद) के लोगों को उन चीजों की कुदरत दी थी केजिन की कुदरत तुम को नहीं दीऔर हमने उन को कान और आँखें और दिल अता किए थे।चूँकि वह अल्लाह की आयतों का इनकार करते थे,इसलिये न उन के कान उन के कुछ काम आए,न उन की आँखें और न उन के दिल;और जिस अजाब का वह मजाक उड़ाया करते थेउसी ने उन को आ घेरा।”
हराम माल से सदक़ा करने का गुनाह रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: "जब तू माल की ज़कात अदा कर दे, तो जो (वाजिब) हक़ तुझ पर था, वह तो अदा हो गया (आगे सिर्फ नवाफिल का दर्जा है) और जो शख्स हराम तरीके (सूद रिश्वत वगैरह) से माल जमा कर के सदका करे, उस को उस सदके का कोई सवाब नहीं मिलेगा, बल्के उस हराम कमाई का वबाल उस पर होगा।" 📕 इब्ने हिब्बान : ३२८५
बुरे आमाल की नहूसत कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "खुश्की और तरी (यानी पूरी दुनिया) में लोगों के बुरे आमाल की वजह से हलाकत व तबाही फैल गई है, ताके अल्लाह तआला उन्हें उन के बाज़ आमाल (की सज़ा) का मजा चखा दे, ताके वह अपने बुरे आमाल से बाज आ जाएँ।" 📕 सूरह रूम: ४१
बोहतान / झूठा इलज़ाम लगाने का गुनाह और अज़ाब झूठी तोहमत लगाने का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : “जो लोग मुसलमान मर्दो और मुसलमान औरतों को बगैर किसी जुर्म के तोहमत लगा कर तकलीफ पहुँचाते हैं, तो यक़ीनन वह लोग बड़े बोहतान और खुले गुनाह का बोझ उठाते हैं।” 📕 सूरह अहज़ाब : ५८ झूठा इलज़ाम लगाने का अज़ाब रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "जिस ने किसी मोमिन के बारे में ऐसी बात कही जो उस में नहीं है, तो अल्लाह तआला उस को दोज़खियों के पीप में डाल देगा, यहाँ तक के उस की सजा पा कर उस से निकल जाए।" 📕 अबू दाऊद: ३५९७
आदमी का दुनिया में कितना हक़ है रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: “इब्ने आदम को दुनिया में सिर्फ चार चीजों के अलावा और किसी की जरूरत नहीं : (१) घर : जिस में वह रेहता है, (२) कपड़ा : जिस से वह सतर छुपाता है। (३) खुश्क रोटी। (४) पानी।“ 📕 तिर्मिजी: २३४१
मोमिन को नाहक़ क़त्ल करने की सज़ा रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "हर गुनाह के बारे में अल्लाह से उम्मीद है के वह माफ कर देगा, सिवाए उस आदमी के जो अल्लाह तआला के साथ किसी को शरीक करने की हालत में मरा हो या उस ने किसी मोमिन को जान बूझ कर क़त्ल किया हो।" 📕 अबू दाऊद: ४२७०
गुनहगारों के लिये जहन्नम की आग है कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "(अल्लाह का अज़ाब उस दिन होगा) जिस दिन आसमान थर थर काँपने लगेगा और पहाड़ अपनी जगह से चल पड़ेंगे। उस दिन झुटलाने वालों के लिये बड़ी खराबी होगी, जो बेहूदा मशगले में लगे रहते हैं, उस दिन उन को जहन्नम की आग की तरफ धक्के मार कर धकेला जाएगा (और कहा जाएगा) यही वह आग है जिस को तुम झुटलाया करते थे।" 📕 सूरह तूर : ९ ता १४
वालिदैन की नाफरमानी और जुल्म करने का गुनाह रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "तुम जुल्म व सितम करने से बचो ! क्योंकि जुल्म व सितम की सज़ा दूसरी सजाओं के मुकाबले में सबसे जल्दी मिलती है। और वालिदैन की नाफर्मानी से बचो! अल्लाह की कसम वालिदैन का नाफ़र्मान जन्नत की खुश्बू भी नहीं पाएगा। जब के जन्नत की खुश्बू एक हजार साल की दूरी से महसूस होती है।" 📕 तबरानी औसत: ५८२५
अक्लमंद लोग क़ुरआन से नसीहत हासिल करे अक्लमंद लोग क़ुरआन से नसीहत हासिल करे कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है: "यह ( कुरआन ) एक बाबरकत किताब है, जिस को हम ने आप पर इस लिये नाजिल किया है के लोग उस की आयतों में गौर व फिक्र करें और अक्लमंद लोग उस से नसीहत हासिल करे। 📕 सूरह साद : २९
वारिसीन के दर्मियान विरासत तकसीम करना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "माल (विरासत) को किताबुल्लाह के मुताबिक हक़ वालों के दर्मियान तकसीम करो।" 📕 मुस्लिम: ४१४३ फायदा : अगर किसी का इन्तेकाल हो जाए और उस ने माल छोड़ा हो, तो उस को तमाम हक वालों के दर्मियान तकसीम करना वाजिब है, बगैर किसी शरई वजह के किसी वारिस को महरूम करना या अल्लाह तआला के बनाए हुए हिस्से से कम देना जाइज नहीं है ।
गैरुल्लाह को माबूद बनाने का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है: "उन लोगों ने अल्लाह तआला को छोड़ कर और माबूद बना लिये हैं, इस उम्मीद पर के उन की मदद कर दी जाएगी। वह उन की कुछ मदद कर ही नहीं सकते; बल्के वह उन लोगों के हक़ में फरीके मुखालिफ बन कर हाजिर किये जाएँगे।” 📕 सूरह यासीन: ७४ ता ७५
ईमान को झुटलाने का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : "जिस शख्स ने बुखल किया और लापरवाही करता रहा और भली बात (ईमान) को झुटलाया, तो हम उसके लिये तकलीफ व मुसीबत का रास्ता आसान कर देंगे (यानी जहन्नम में पहुँचा देंगे)।" 📕 सूर-ए-लैल: ८ ता १०
सब मिलकर अल्लाह की रस्सी को मज़बूती से पकड़ लो [कुरआन ३:१०३] सब मिलकर अल्लाह की रस्सी को मज़बूती से पकड़ लो कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : “तुम सब मिल कर अल्लाह की रस्सी को मजबूत पकड़े रहो (यानी कुरआन करीम के बताए हए तरीके और रास्ते पर चलो) और आपस में नाइत्तेफाक्री मत करो (अगर तुम नाइत्तेफाक्री की वजह से आपस में बिखर गए तो दुश्मन के मुकाबले में तुम नाकाम हो जाआगे और तुम्हारी कुव्वत व ताकत खत्म हो जाएगी)।” 📕 सूरह आले इमरान: १०३
ग़लत हदीस बयान करने की सज़ा रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "मेरी हदीस को बयान करने में एहतियात करो और वही बयान करो जिस का तुम्हें यक़ीनी इल्म हो, जो शख्स जान बूझ कर मेरी तरफ से कोई गलत बात बयान करे, वह अपना ठिकाना जहन्नम में बना ले।" 📕 तिर्मिज़ी: २९५१
जो चार बातों पर ईमान न लाए, तो वह मोमिन नहीं रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : "जब तक कोई बन्दा इन चार बातों पर ईमान न लाए, तो वह मोमिन नहीं हो सकता।" (१) इस बात की गवाही देके अल्लाह के अलावा कोई इबादत के लायक नहीं। (२) (इस की भी गवाही देके) मैं अल्लाह का रसूल हूँ उस ने मुझे हक़ के साथ भेजा है। (३) मरने और फिर दोबारा ज़िन्दा होने का यक़ीन रखे। (४) तक़दीर पर ईमान लाए। 📕 तिर्मिजी : २१४५
MD. Salim Shaikh
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