रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया :
“माल (विरासत) को किताबुल्लाह के मुताबिक हक़ वालों के दर्मियान तकसीम करो।”
फायदा : अगर किसी का इन्तेकाल हो जाए और उस ने माल छोड़ा हो, तो उस को तमाम हक वालों के दर्मियान तकसीम करना वाजिब है, बगैर किसी शरई वजह के किसी वारिस को महरूम करना या अल्लाह तआला के बनाए हुए हिस्से से कम देना जाइज नहीं है ।
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