“दुनिया का सामान कुछ ही दिन रहने वाला हैऔर उस शख्स के लिये आखिरत हर तरह से बेहतर है,जो अल्लाह तआला से डरता होऔर (कयामत) में तुम पर ज़र्रा बराबर भी जुल्म न किया जाएगा।”
आखिरत के मुकाबले में दुनिया से राज़ी होने का वबाल कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "क्या तुम लोग आख़िरत की जिन्दगी के मुकाबले में दुनिया की ज़िन्दगी पर राजी हो गए? दुनिया का माल व मताअ तो आखिरत के मुकाबले में कुछ भी नहीं।" (यानी मुसलमान के लिये मुनासिब नहीं है के वह दुनिया ही की जिन्दगी पर…
दुनिया आरजी और आखिरत मुस्तकिल है कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "दुनिया की ज़िन्दगी महज चंद रोज़ा है और अस्ल ठहरने की जगह तो आखिरत ही है।" 📕 सूरह मोमिन; ३९
दुनिया की चीजें चंद रोजा हैं कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "जो कुछ भी तुम को दिया गया है, वह सिर्फ चंद रोज़ा ज़िन्दगी के लिये है और वह उस की रौनक है और जो कुछ अल्लाह तआला के पास है, वह इस से कहीं बेहतर और बाकी रहने वाला है। क्या तुम लोग…
दुनिया में खाना पीना चंद रोज़ा है क़ुरान में अल्लाह तआला फ़रमाता है - "तुम (दुनिया में) थोड़े दिन खा लो और (उससे) फायदा उठालो, बेशक तुम मुजरिम हो (यानी यह दुनियवी ज़िंदगी चंद रोज़ की है, अगर उसके पीछे पड़ कर अपनी आखिरत की ज़िंदगी को भुला दोगे, तो क़यामत के दिन तुम मुजरिम बन कर…
माल व औलाद की मुहब्बत कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "(माल व औलाद की) कसरत और (दुनिया के सामान पर) फख्र ने तुम को (अल्लाह की याद से) ग़ाफिल कर दिया है, यहाँ तक के तुम कब्रिस्तान जा पहुँचते हो, हरगिज़ ऐसा न करो, तुमको बहुत जल्द मालूम हो जाएगा।" 📕 सूरह तकासुरः…
अरफ़ा के दिन रोजा रखने की फ़ज़ीलत अरफ़ा के दिन रोजा रखने की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “अरफ़ा के दिन का रोजा रखना एक साल अगले एक साल पिछले गुनाहों को माफ़ करा देता है।” 📕 सही इब्ने खुजैमाः३०३४
मुसाफिर को पानी न देने का अंजाम Hadees of the Day मुसाफिर को पानी न देने का अंजाम अबू हुरैरा (रज़ि) से रिवायत है की,रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फरमाया - 3 तरह के लोग वो होंगे जिनकी तरफ कयामत के दिन अल्लाह तआला नज़र (नज़र-ए-रहमत) भी नहीं उठाएगा और ना उन्हें पाक करेगा, बल्कि उनके लिए दर्दनाक अज़ाब…