Wazu ke darmiyan ki dua in Hindi
हदीस: रसूलुल्लाह (ﷺ) वुजू के दौरान यह दुआ पढ़ते थे:
اللهُمَّ اغْفِرْ لِي ذَنْبِي وَوَسِعْ لِي فِي دَارِي وَبَارِكْ لِي فِي رِزْقِي
“Allahummagh fir li dhambi wa wassi’ li fi dari wa barik li fi rizqi“
तर्जमा : ऐ अल्लाह ! मेरे गुनाहों को माफ़ फ़र्मा और मेरे घर में वुसअत और रिज्क में बरकत अता फ़र्मा।