7 Muharram | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: काबील और हाबील, अल्लाह की कुदरत : सूरज, एक फ़र्ज़ : दीन में नमाज़ की अहमियत, अहेम अमल : आशूरा के रोजे का सवाब, बिला ज़रूरत मांगने का वबाल ...
नमाज़ में भूल चूक हो जाए तो सज्दा-ए-सहव करना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जब तुम में से किसी को (नमाज़ में) भूल चूक हो जाए, तो सज्दा-ए-सहव कर ले।" 📕 मुस्लिम १२८३ फायदा : अगर नमाज़ में कोई वाजिब से छूट जाए या वाजिबात और फराइज़ में से किसी को अदा करने में देर हो जाए तो सज्द-ए-सब करना वाजिब है, इस के बगैर नमाज़ नहीं होती।
6 Muharram | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: हज़रत आदम (अ.स) का दुनिया में आना, मुअजिजा : चाँद के दो टुकड़े होना, एक सुन्नत: मेजबान को दुआ देना, अहेम अमल : माहे मुहर्रम में रोजा रखना, यतीमों का माल खाने का गुनाह ...
29. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा इस्लामी तारीख : कौमे लूत पर अजाब, कुदरत : दरख्तों के पत्तों के फायदे, एक फर्ज : दीन में नमाज़ की अहेमियत, गरीब व मिस्कीन से मुलाकात करना, क़यामत के दिन सब से बदहाल शख्स ...
मेहर अदा ना करने का गुनाह रसूलल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "जिस आदमी ने किसी औरत से मेहर के बदले निकाह किया और उस का महेर अदा करने का इरादा न हो, तो वह जानी (जीना करने) के हुक्म में है और जिस आदमी ने किसी से क़र्ज़ लिया। फिर उस का क़र्ज़ अदा करने की निय्यत न हो, तो वह चोर के हुक्म में है।" 📕 तरग़ीब २६०२, अन अबी हुरैरह (र.अ)
कर्ज़ अदा करना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "क़र्ज़ की अदायगी पर ताकत रखने के बावजूद टाल मटोल करना जुल्म है।" 📕 बुखारी : २४००, अन अबू हुरैरह (र.अ) फायदा: अगर किसी ने कर्ज़ ले रखा है और उस के पास कर्ज अदा करने के लिए माल है, तो फिर कर्ज, अदा करना ज़रूरी है, टाल मटोल करना जाइज नहीं है।
2 Rabi-ul-Awal | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा इस्लामी तारीख: हज़रत ज़करिया (अ.स), अस्र की नमाज़ की फज़ीलत, मेहमान का अच्छे अलफाज़ से इस्तिकबाल करना, पड़ोसी के साथ अच्छा सुलूक करना, रसूलल्लाह (ﷺ) की नाफ़रमानी करने का गुनाह, अल्लाह और उसके बन्दों के हुकूक …
18. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: हजरत इब्राहीम (अ.स), मुअजिजा : अबू तालिब का सेहतयाब होना, एक फ़र्ज़ : जमात के साथ नमाज़ अदा करना, अहेम अमल : नुक्सान से हिफाज़त, फुजूल कामों में माल खर्च करने का गुनाह, माल व औलाद अल्लाह के क़ुर्ब का जरिया नहीं ...
3. सफर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा हजरत यूसुफ (अ.स) की आज़माइश, कुदरत : आँख की बनावट, एक फर्ज : जुमा की नमाज, सुन्नत : दरवाज़े पर सलाम करना, दुनिया आखिरत में कामयाबी का ज़रिया ...
9. जिल हिज्जा | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा च्यूँटी अल्लाह की कुदरत का नमूना है, एक फर्ज: नमाज के लिये मस्जिद जाना, हर नमाज के बाद तस्बीह फातिमी अदा करना, औरतों का खुशबु लगाकर बाहर निकलने का गुनाह, तिब्बे नबवी से इलाज: नजर लगने से हिफाजत, नबी (ﷺ) की इताअत की अहमियत …
तवक्कुल का मतलब: अल्लाह पर मुकम्मल भरोसा | Tawakkul meaning in Hindi तवक्कुल का मतलब: अल्लाह पर मुकम्मल भरोसा तवक्कुल (Tawakkul) का इस्लामी अक़ाइद में एक अहम तसव्वुर है, जो अल्लाह पर यकीन और भरोसे की अलामत है। हिंदी में, तवक्कुल का मतलब है "अल्लाह पर पूरा भरोसा और यकीन रखना।" ये यकीन की एक खास किस्म की हालत है, जो हमें हर हालात में पुरसुकून और साबित क़दम रहने की सीख देती है। तवक्कुल का मतलब और अहमियत तवक्कुल की तशरीह अरबी लफ्ज़ "तवक्कुल" का लफ़्ज़ी मतलब है "भरोसा करना" या "निर्भर करना।" इस्लामी अक़ाइद में, ये अल्लाह पर मुकम्मल यकीन और भरोसा रखने का जिक्र करता है, ये जानते हुए…
23. शव्वाल | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा 23. शव्वाल | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा23. Shawwal | Sirf Paanch Minute ka Madarsa 1. इस्लामी तारीख उम्मुल मोमिनीन हज़रत सौदा (र०) हज़रत सौदा बिन्ते जमआ (र०) कुरैश के मशहूर कबीले “आमिर बिनलुवइ” से तअल्लुक रखती थी। उन का पहला निकाह हजरत सकरान बिन अम्र (र०) से हुआ। वह नुबुव्वत के शुरू ज़माने में ही मुसलमान हो गई थीं। और अपने शौहर के साथ हब्शा की दूसरी हिजरत फ़रमाई। उन से अब्दुर्रहमान नामी एक लड़का पैदा हुआ। फिर कई साल बाद मक्का लौटीं तो उन के शौहर का इन्तेकाल हो गया। हुजूर (ﷺ) ने हजरत ख़दीजा (र०) की वफ़ात के बाद सन १० नब्वी…
कयामत के दिन सब से पहले नमाज़ का हिसाब होगा नमाज़ की सेहत पर रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "कयामत के दिन सब से पहले नमाज़ का हिसाब होगा, अगर नमाज़ अच्छी हुई तो बाकी आमाल भी अच्छे होंगे और अगर नमाज़ खराब हुई तो बाकी आमाल भी खराब होंगे।" 📕 तरगीब व तरकीब: ५१६ "क़यामत में सब से पहले नमाज़ का हिसाब लिया जाएगा, अगर वह अच्छी और पूरी निकल आई तो बाकी आमाल भी पूरे उतरेंगे और अगर वह खराब हो गई, तो बाक़ी आमाल भी खराब निकलेंगे।" 📕 तिर्मिजी: ४१३, अन अबू हरैराह रज़ि०
अशरा ज़ुल हज की फ़ज़ीलत ~ क़ुरानो सुन्नत की रौशनी में अशरा ज़ुल हज की फ़ज़ीलत क़ुरानो सुन्नत की रौशनी में ۞ बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम ۞ तमाम तारीफे है अल्लाह सुब्हानहु तआला के लिए जो तमाम जहानों को बनाने वाला और उसे पालने वाला है और दुरूदो सलाम हो उसके आखरी नबी मुह्म्मदुर्रसूलुल्लाह सलल्लाहु अलैहि वसल्लम पर। 1. अशरा ज़ुलहिज्जा क्या है (तारुफ़ और इसकी अहमियत) ? ज़ुलहिज्जा हिजरी (इस्लामी) कैलेंडर का सबसे आखरी यानि १२ वा महीना है। और इस महीने के पहले १० दिनों को अशरा ज़ुलहिज्जा कहा जाता है। इस महीने को यह फ़ज़ीलत हासिल है कि इस्लाम के ५ सुतूनों (शहादत, नमाज़, रोज़ा, जकात और हज) में से एक…
नमाज़ की सूरह हिंदी में | Namaz ki Surah in hindi Namaz ki Surah in hindi, Namaz me padhne wali surah in Hindi | नमाज़ की सूरह हिंदी में | नमाज़ की सूरह | Namaz ki Surah in hindi ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞ यूँ तो क़ुरआन की हर सूरह नमाज़ में पढ़ी जा सकती है, लेकिन हम यहाँ सिर्फ कुछ ही सूरह का ज़िक्र कर रहे है जो बोहोत ही आसान है और अक्सर इन्हे नमाज़ में पढ़ा जाता है। ۞ Surah: Al-Fatiha [01] بِسْمِ اللَّـهِ الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيم ①الْحَمْدُ لِلَّـهِ رَبِّ الْعَالَمِينَ ②الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيمِ ③مَالِكِ يَوْمِ الدِّينِ ④إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَإِيَّاكَ نَسْتَعِينُ ⑤اهْدِنَا الصِّرَاطَ الْمُسْتَقِيمَ ⑥صِرَاطَ الَّذِينَ أَنْعَمْتَ عَلَيْهِمْ غَيْرِ الْمَغْضُوبِ عَلَيْهِمْ وَلَا الضَّالِّينَ ⑦…
MD. Salim Shaikh
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Masha Allah
Alhamdulillah Maine Aaj ke hi din apni pehali fazar ki namaz padhi 😊 Inshallah hamesha padhungi❤️