रसूलुल्लाह (ﷺ) जब सोने का इरादा करते
तो अपने दाहने हाथ को दाहने गाल के नीचे रख कर सोते फिर तीन बार यह दुआ पढ़ते :
(Allahumma qinee ‘adhabaka yawma tab’athu ‘ibadaka)
तर्जुमा: (ऐ अल्लाह! मुझे (उस दिन) अपने अ़ज़ाब से बचा, जिस दिन तू अपने बन्दों को उठायेगा।
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