रसूलुल्लाह (ﷺ) जब किसी को रुख्सत फर्माते, तो उस का हाथ अपने हाथ में ले लेते और उस वक़्त तक (उसका हाथ) न छोड़ते, जब तक के वह आप के हाथ को खुद न छोड़ दे।
भूत, प्रेत, बदरूह की हकीकत भूत, प्रेत, बदरूह: ये नाम अकसर इन्सानी ज़हन मे आते ही एक डरावनी और खबायिसी शख्सियत ज़ेहन मे आती हैं क्योकि मौजूदा मिडिया ने इन्सान को इस कदर गुमराह कर रखा हैं के जो नही हैं उसको इतनी खूबसूरती के…
इस्लाम अपनाने से मैं संतुष्ट हो गयी | रोमन… "कुरआन के अध्ययन के बाद इस्लाम अपनाने के अपने फैसले पर मैं संतुष्ट हो गयी" - रोमन कैथोलिक परिवार में जन्मी आयशा जिबरील मैं आपके साथ शेयर करना चाहती हूं वह यह है कि मैंने अपने लिए मुस्लिम नाम आयशा…
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 28 https://www.youtube.com/playlist?list=PLqFqfE_wU2p6o-yao7hgl8YH54J1qoKQz Seerat un Nabi (ﷺ) Series: Part 28 पेज: 234 मुसलमानों में आपसी समझौते का हुक्म हुजूर (ﷺ) हजरत अबू अय्यूब के मकान में ठहरे थे। चूँकि उनके मकान के सामने एक बंजर जमीन पड़ी हुई थी, इस लिए मुसलमान…
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 47 ✦ एहसान भुला देने का अंजाम, ✦ उऐना की दगाबाजी और गफारी औरत को अगवा करना, ✦ सुलह हुदैबियाँ , ✦ बैअते रिज्वान ...
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 24 https://www.youtube.com/playlist?list=PLqFqfE_wU2p6o-yao7hgl8YH54J1qoKQz Seerat un Nabi (ﷺ) Series: Part 24 पेज: 195 तलाश कुंफ्फारे मक्का ने हुजूर (ﷺ) के मकान का घेराव रात के शरू ही में कर लिया था। वे तमाम रात तलवार लिए खड़े निगरानी करते रहे। उन का इरादा…
12 जमादी-उल-अव्वल | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा (1). कैदियों के साथ हुस्ने सुलूक, (2). जमात के मुतअल्लिक़ ख़बर देना, (3). कर्ज़ अदा करना, (4). खाने में बरकत, (5). मुसाफा मगफिरत का जरिया है, (6). गुमराही इख्तियार करने का गुनाह, (7). दुनिया चाहने वालों के लिये नुकसान, (8).…
19 Jamadi-ul-Akhir | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा इस्लामी तारीख: दीन के मुकम्मल होने का एलान, दाँतों की बनावट में अल्लाह की क़ुदरत, अपने घर वालों को नमाज़ का हुक्म देना, रुख्सत के वक़्त मुसाफा करना, जन्नत का मुस्तहिक, सामान ऐब बताए बगैर फरोख्त करने का गुनाह, अल्लाह…
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 22 https://www.youtube.com/playlist?list=PLqFqfE_wU2p6o-yao7hgl8YH54J1qoKQz Seerat un Nabi (ﷺ) Series: Part 22 हिजरत की दावत हुजूर (ﷺ) ने मुसअब बिन उमैर (र.अ) को यसरब तब्लीगे इस्लाम के लिए भेजा था। हुजूर (ﷺ) को उन का बड़ा ख्याल था। जब कोई आदमी यसरब से आता,…