रोज़े की हालत में भी झूठ और दगाबाज़ी से बचे
۞ हदीस: अबू हुरैरा (र.अ.) से रिवायत है की,
रसूलअल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया –
“अगर कोई शक्श (रोजा रख कर भी) झूठ बोलना और दगाबाजी करना ना छोड़े तो अल्लाह सुभानहु ताला को उसकी कोई जरूरत नहीं कि वो अपना खाना पीना छोड़ दे।”