99 इल्म की बातें | कुरआन व हदीस की… हदीस की अच्छी-अच्छी बातें : अल्लाह की याद से अपने दिल को ताज़ा दम रखा कीजिए। इस लिए के खुदा की याद क़ुलूब के लिए इत्मिनान का जरिया है। (सूरह राअद 28)
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 30 https://www.youtube.com/playlist?list=PLqFqfE_wU2p6o-yao7hgl8YH54J1qoKQz Seerat un Nabi (ﷺ) Series: Part 30 बद्र की लड़ाई अबू सूफ़ियान ने मुसलमानों के आने की खबर सुन कर जमजम बिन अम्र को इसलिए मक्का भेजा था, ताकि वे उस की मदद के लिए आ जाएं। जमजम ने…
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 24 https://www.youtube.com/playlist?list=PLqFqfE_wU2p6o-yao7hgl8YH54J1qoKQz Seerat un Nabi (ﷺ) Series: Part 24 पेज: 195 तलाश कुंफ्फारे मक्का ने हुजूर (ﷺ) के मकान का घेराव रात के शरू ही में कर लिया था। वे तमाम रात तलवार लिए खड़े निगरानी करते रहे। उन का इरादा…
24 जमादी-उल-अव्वल | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा ग़ज़व-ए-खन्दक, कब्र के बारे में ख़बर देना, वारिसीन के दर्मियान विरासत तकसीम करना, सैलाबी बारिश रोकने की दुआ, मेहमान का इकराम करने की फ़ज़ीलत, हक को झुटलाने की सज़ा, माल व औलाद की मुहब्बत, कब्र में नमाज की तमन्ना, सिर…
रिश्तेदारों के हुकूक : कुरआन हदीस की रौशनी… रिश्तेदारों के हुकूक अदा करने का हुक्म: क़ुरआन: “बेशक! अल्लाह तआला इंसाफ का और अहसान करने का और रिश्तेदारों को उनके हुकुक देने का हुक्म देता है” 1 हदीस : रसूलल्लाह ﷺ ने फ़रमाया : जो शख्स रिश्तेदारों का हक…
किसी गुनाह को छोटा और मामूली न समझो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: "ऐ आयशा खुद को उन गुनाहों से भी बचाने की कोशिश करो जिन का छोटा और मामूली समझा जाता है, क्यों कि इस पर भी अल्लाह की तरफ से फरिश्ता मुकर्रर है जो उस को लिखता…
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 8 https://www.youtube.com/watch?v=UnBm3khmrvY Seerat un Nabi (ﷺ) Series: Part 8 पेज: 66 समझौते की बात ईमान लाने पर मुसलमानों पर बड़े से बड़ा जुल्म किया गया, इतना जुल्म किया गया कि आज हम में से कोई आदमी सोच भी नहीं सकता। यह…
कजाए उमरी नमाज़ की हकीकत: हिंदी में अक्सर १५ शाबान (शबे बरात) और रमजान का आखरी जुमा आने तक कजा नमाज वाली पोस्ट शोशल मिडीया पर वायरल होती रहती है, यह मैसेज किसने अपलोड किया, कोई नहीं जानता! लेकिन ताज्जुब इस बात का है के, यह कुछ…
13 Rabi-ul-Awal | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: याजूज माजूज, अल्लाह की कुदरत : होंठ , वारिसीन के दर्मियान मीरास तक़सीम करना, तक़लीफ पर सब्र करना, बिला शरई उज्र के शौहर से तलाक़ मांगने का गुनाह ...