Iman par Qayam Rehne ki Dua: Mai Razi hu ke Allah Mera Rab Hai Iman par Qayam Rehne ki Dua Mai Razi hu ke Allah Mera Rab Hai ✦ Hadees: Rasool-e-Kareem (ﷺ) ke khadim, Abu Salam (R.A.) se riwayat hai ki,Rasool'Allah (ﷺ) ne farmaya "Jo bhi Musalman ya Insaan (ya banda) Subah Shaam ye Kalimat kahe "Radhitu billahi Rabba Wa bil Islami Deena wa bi Muhammadin Nabiyyan" tou Allah Subhanahu Qayamat ke din usko jarur khush farma dega. (Main raazi hu Allah ke Rabb hone par, Islam ke Deen hone par aur Muhammad ﷺ ke nabi hone par.) 📕 Sunan Ibn Majah, Jild 3, 751-Hasan 📕 Sahih Ibn Hibban , 870-Hasan
Nazar Se Bachne Ki Dua aur Nazar Utarne Ki Dua (Arabic, Hindi, Tarjuma ke Saath) Nazar se Bachne ki Dua aur Nazar Utarne ki dua in Arabic, Hindi & Tarjuma : बुरी नज़र से बचने कि दुआ, बुरी नज़र लग जाये तो दूर करने की दुआ, नजर उतारने की सूरत, नजर उतारने का इस्लामी तरीका, छोटे बच्चों की नजर कैसे उतारे, Nazar Utarne ki Dua in Quran and Hadees
गुनाहों से माफी की दुआ | रब्बना ज़लमना अन्फुसना वईल लम तग्फिर लना वतर हमना लनकूनन्ना मिनल खासिरीन “अपने गुनाहों से माफी मांगने और अल्लाह तआला से रहम व करम तलब करने के लिए यह दुआ करनी चाहिए”– رَبَّنَا ظَلَمْنَا أَنفُسَنَا وَإِن لَّمْ تَغْفِرْ لَنَا وَتَرْحَمْنَا لَنَكُونَنَّ مِنَ الْخَاسِرِينَ रब्बना ज़लमना अन्फुसना वईल लम तग्फिर लना वतर हमना लनकूनन्ना मिनल खासिरीन तर्जमा: ऐ हमारे रब ! हम ने अपनी जानों पर बड़ा जुल्म किया (अब) अगर आप हमारी मगफिरत नहीं फर्माएंगे और रहम नहीं करेंगे तो हमारा बड़ा नुकसान हो जाएगा। 📕 सूरह आराफ़ : 23 वजाहत: यह हज़रत आदम व हव्वा (अ.स) की दुआ है, जो उन्होंने अपनी माफी के लिए अल्लाह तआला से की थी।
जानिए : कब क्या कहें | Kab Kya Kahein in Hindi जानिए : हर काम शुरु करने से पहले, कुरआन पढ़ने से पहले, जब कोई काम आइन्दह करना हो तो, ख़ुशी और ख़ैरियत के वक़्त, किसी को हंसता देखें तो कहें , मुसीबत के वक्त, गुनाह (बुरी बात) से डर कर, गुनाह का काम हो जाए तो, ऊँचाई पर चढ़े, नीचे की तरफ उतरें तो, तअज्जुब के वक़्त ?
दूसरों के बारे में बुरे विचार मत रखो क्योंकि यह अधिकतर झूठे होते है अल्लाह के अन्तिम ईशदूत मुहम्मद (ﷺ) ने कहा कि : "दूसरों के बारे में बुरे विचार मत रखो क्योंकि यह अधिकतर झूठे होते है।लोगों की खराबियों को मत ढूंढो,दूसरों से जलन न रखो, किसी के पीठ पीछे उसकी बुराई न करो,घृणा न करो, ईश्वर के भक्त और भाई-भाई बन कर रहो।" 📕 बुखारी शरीफ 6064
रोज़े की हालत में भी झूठ और दगाबाज़ी से बचे | Roze ki Halat me bhi Jhoot aur Dagabazi se bachey Hadees of the Day रोज़े की हालत में भी झूठ और दगाबाज़ी से बचे ۞ हदीस: अबू हुरैरा (र.अ.) से रिवायत है की,रसूलअल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया - "अगर कोई शक्श (रोजा रख कर भी) झूठ बोलना और दगाबाजी करना ना छोड़े तो अल्लाह सुभानहु ताला को उसकी कोई जरूरत नहीं कि वो अपना खाना पीना छोड़ दे।" 📕 सहिह बुखारी, खंड 3, हदीस 1903
Attahiyat in Hindi | अत्तहिय्यात (तशहहुद) Attahiyat in Hindi | तशहुद (अत्तहियात) : अत्तहिय्यातु लिल्लाहि वस्सलवातु वत्तय्यिबातु अस्सलामु अल-क अय्युहन-नबिय्यु वरमतुल्लाहि व ब-र-कातुह ...
सफर में गाने सुनना कैसा | Safar me Gaane Sunna Kaisa ? सफर में गाने सुनना कैसा ? हदीस: नबी ए करीम ﷺ ने फरमाया: "जो शख़्स सफ़र की हालत में अल्लाह की याद और ज़िक्र में लगा रहता है तो फ़रिश्ता उसका हमसफ़र हो जाता है। और अगर मौसिकी (गाने या म्यूजिक) में मशगुल रहता है तो शैतान उसके सफर का साथी बन जाता है।" 📕 सहिह अल जामे, हदीस 5706 और भी पढ़े : Safar ki Dua | सफर की दुआ: जानिए कैसे करें अपने सफर को मेहफ़ूज़ ! सवारी पर बैठने के बाद की दुआ कश्ती (स्टीमर) के या पानी से सफर की दुआ सवारी परेशान करे तब की…
Sajde ki dua : सजदा-ए-तिलावत की दुआ Sajde ki dua : रसूलुल्लाह (ﷺ) कुआन मजीद की तिलावत करते हुए आयते सज्दा पर पहुँचते तो इस दुआ को सज्दा-ए-तिलावत में पढ़ा करते -
किसी के सतर को देखने का गुनाह रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "अल्लाह तआला लानत करता हैं, उस शख्स पर जो जान बूझ कर किसी के सतर को देखता हो और उस पर भी लानत है जो बिला उज्र सतर दिखलाता हो।" 📕 बैहकी फी शोअबिल ईमान : ७५३८ सतर : इंसान के ढका रहने वाला बदन का हिस्सा, गुप्त अंग
अल्लाह को छोड़ कीसी को ना पुकारना ... ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞ “और अल्लाह को छोड़ ऐसी चीज़ को ना पुकारना जो ना तुम्हे नफा पहुँचा सकती हैं ना ही नुक़सान।" 📕 सूरह युनुस 10:106 Read More: Nazar ki Dua : नज़रे बद कि दुआ | बुरी नज़र से बचने और नज़र दूर करने की दुआएँ Allah kisi Shakhs ko uski Taqat se Zyada nahi Aazmata …
ताजिया क्या है और इसकी शुरूआत | Tajiya kya hota hai? मुहर्रम क्या है ? मुहर्रम कोई त्योहार नहीं है, यह सिर्फ इस्लामी हिजरी सन् का पहला महीना है। पूरी इस्लामी दुनिया में मुहर्रम की नौ और दस तारीख को मुसलमान रोजे रखते हैं और मस्जिदों-घरों में इबादत की जाती है। क्यूंकि ये तारीख इस्लामी इतिहास कि बहुत खास तारीख है….. रहा सवाल भारत में ताजियादारी का तो यह एक शुद्ध भारतीय परंपरा है, जिसका इस्लाम से कोई ताल्लुक़ नहीं है। .. तजिया की शुरुआत बरसों पहले तैमूर लंग बादशाह ने की थी, जिसका ताल्लुक शीआ संप्रदाय से था। तब से भारत के शीआ और कुछ क्षेत्रों में हिन्दू भी ताजियों (इमाम हुसैन…
MD. Salim Shaikh
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