4 Rabi-ul-Awal | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा

4 Rabi-ul-Awal | Sirf Panch Minute ka Madarsa

4 Rabi-ul-Awal | Sirf Panch Minute ka Madarsa

1. इस्लामी तारीख

हज़रत ईसा (अ.स) की पैदाइश

क़ुरआन में अल्लाह तआला ने हज़रत ईसा (अ.स) के नामों का जिक्र मुख्तलिफ एतेबार से 59 मर्तबा किया है। उन की पैदाइश अल्लाह तआला की कुदरत की एक बहुत बड़ी निशानी है।

एक दिन हज़रत मरयम (अ.स) किसी ज़रूरत की वजह से बैतुल मक़्दिस के मशरिक की जानिब गई हुई थीं, कि अचानक फरिश्ते ने यह ख़ुशख़बरी दी, कि अल्लाह तआला तुम को एक बेटा अता फरमाएगा, जिसका नाम ईसा बिन मरयम होगा।

हज़रत मरयम (अ.स) ने कहा-मेरी तो शादी भी नहीं हुई, लड़का कैसे होगा?

फरिश्ते ने कहा- अल्लाह का फैसला ऐसा ही है और यह अल्लाह के लिये आसान है। फिर ऐसा ही हुआ कि हज़रत ईसा (अ.स) बग़ैर बाप के पैदा हुए। जब लोगों ने देखा, तो बहुत ताज्जूब किया और कहा- मरयम! । तुम ने यह कितना बड़ा गुनाह किया है?

हज़रत मरयम (अ.स) ने कोई जवाब नहीं दिया, बल्क़ि बच्चे की तरफ इशारा कर दिया और बच्चा बोल पड़ा, “मैं अल्लाह का बंदा हूँ, उसने मुझे किताब दी है और नबी बनाया है, मैं जहाँ कहीं भी रहूँ खुदा ने मुझे बाबरकत बनाया है और आख़िरी दम तक अल्लाह ने मुझे नमाज़ पढ़ने और ज़कात अदा करने का हुक्म दिया है और अपनी माँ का फर्माबरदार बनाया है। मेरी पैदाइश, मेरी वफात और फिर दोबारा ज़िंदा होना मेरे लिये ख़ैर व बरकत और सलामती का ज़रिया है।”

बच्चे की ऐसी बातें सुन कर क़ौम हैरान रह गई और हज़रत मरयम (अ.स) से उन की बदगुमानी अक़ीदत में बदल गई।

📕 इस्लामी तारीख


2. हुजूर (ﷺ) का मुअजिज़ा

ग़ज़व-ए-मूता में शहीदों के मुतअल्लिक़ खबर देना

मुल्के शाम में मूता नामी एक मक़ाम पर जंग हो रही थी, हज़रत अनस (र.अ) फ़रमाते हैं कि रसूलुल्लाह (ﷺ) ने (मदीना में रहते हुए) एक के बाद एक दीगर तीन सहाबी के मूता में शहीद होने की खबर दी, जब के वहाँ से अभी तक कोई खबर नहीं आई थी और फिर फ़रमाया : उन के बाद झंडा, अल्लाह की तलवार ने और अल्लाह ने उनके हाथों मुसलमानों को दुश्मनों पर फतह नसीब फ़रमाई।

📕 बुखारी : ४२६२, अन अनस (र.अ)
📕 हुजूर (ﷺ) का मुअजिजा

वजाहत : अल्लाह की तलवार से मुराद हज़रत खालिद बिन वलीद हैं, उन को यह लक़ब आप ने दिया था।


3. एक फर्ज के बारे में →

बीवी की विरासत में शौहर का हिस्सा

क़ुरआन में अल्लाह तआला फ़रमाता है –

“तुम्हारे लिये तुम्हारी बीवियों के छोड़े हुए माल में से आधा हिस्सा है, जब के उनकी कोई औलाद न हो और अगर उनकी औलाद हो, तो तुम्हारी बीवियों के छोड़े हुए माल में तुम्हारे लिये चौथाई हिस्सा है (तुम्हें यह हिस्सा) उनकी वसीयत और क़र्ज़ अदा करने के बाद मिलेगा।”

📕 सूर निसा : १२
📕 एक फर्ज के बारे में


4. एक सुन्नत के बारे में

मुसीबत से निजात की दुआ

जब कोई मुसीबत या आज़माइश में पड़ जाए, तो इस दुआ को ज़्यादा से ज़्यादा पढ़ेः

لاَّ إِلَـهَ إِلاَّ أَنتَ سُبْحَـنَكَ إِنِّى كُنتُ مِنَ الظَّـلِمِينَ

तर्जुमा: (इलाही) आपके सिवा कोई इबादत के लायक़ नहीं, आप (तमाम ऐबों) से पाक हैं, बेशक में ही कुसूरवार हूँ।

📕 सूरह अम्बिया : ८७
📕 एक सुन्नत के बारे में


5. एक अहेम अमल की फजीलत

मुलाक़ात के वक़्त सलाम व मुसाफा करना

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :

“जब दो मुसलमान मुलाक़ात के वक़्त मुसाफा करते हैं और अल्लाह तआला की तारीफ़ करते हैं और अल्लाह तआला से मग़फ़िरत तलब करते हैं (यानी मुसाफा के वक़्त یاغفیر اللہ لینا والکم ) और मिजाज़पुरसी के वक़्त (الحمد لله) कहते हैं तो उन की मग़फ़िरत कर दी जाती है।”

📕 अबू दाऊद: ५२११
📕 एक अहेम अमल की फजीलत


6. एक गुनाह के बारे में

क़ुरआन को छुपाने या बदलने का गुनाह

क़ुरान में अल्लाह तआला फ़रमाता है:

“जो लोग अल्लाह तआला की किताब के अहकाम को छुपा कर दुनियावी माल व दौलत हासिल करते हैं, वह लोग अपने पेटों में आग भर रहे हैं। कयामत के दिन अल्लाह तआला न उनसे कलाम करेगा और न उन को (गुनाहों से) पाक करेगा और उन को दर्दनाक अज़ाब होगा।”

📕 सूरह बकरह 2:174
📕 एक गुनाह के बारे में


7. दुनिया के बारे में

दुनिया की चीजें

क़ुरान में अल्लाह तआला फ़रमाता है:

“तुम लोगों को जो कुछ दिया गया है, वह सिर्फ दुनियावी ज़िन्दगी में बरतने का सामान है और जो कुछ (अज्र व सवाब) अल्लाह के पास है, वह इस (दुनिया) से कहीं ज़्यादा बेहतर और बाकी रहने वाला है, जो सिर्फ मोमिनीन और अपने रब पर भरोसा रखने वालों के लिये है।”

📕 सूरह शूरा : ३६
📕 दुनिया के बारे में


8. आख़िरत के बारे में

दोज़ख की गहराई

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया:

“एक पत्थर को जहन्नम के किनारे से फेंका गया, वह सत्तर साल तक उस में गिरता रहा, मगर उसकी गहराई तक नहीं पहुँच सका।”

📕 मुस्लिम: ७४३५
📕 आख़िरत के बारे में


9. तिब्बे नबवी से इलाज

बड़ी बीमारियों से हिफाज़त

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“जो शख्स हर महीने तीन दिन सुबह के वक़्त शहद को चाटेगा, तो उसे कोई बड़ी बीमारी नहीं होगी।”

📕 इब्ने माजा: ३४५०, अन अबू हुरैरह (र.अ)
📕 तिब्बे नबवी से इलाज


10. नबी की नसीहत

जब तुम में से किसी को छींक आए तो

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया –

जब तुम में से किसी को छींक आए तो अलहम्दुलिल्लाह (तमाम तारीफें अल्लाह के लिए है) कहे और उसका भाई या उसका साथी यरहामुकल्लाह (अल्लाह तुम पर रहम करे) कहे, जब साथी यरहामुकल्लाह कहे तो उसके जवाब में छींकने वाला फिर से ये कहे यहदिकुमुल्लाह वा यूस्लिहु वा लकूम कहे। (यानी अल्लाह तुम्हे सीधे रास्ते पर रखे और तुम्हारे हालत दुरस्त करे)

📕 सही बुखारी, जिल्द 7, 6224

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