Roza

Allah Ta’ala Ki Ibadat (Taqwe) Ke Liye Niyat Ke Saath Khud Ko Subah Saadiq Se Lekar Guroobe Aaftab Tak Khaane Peene aur Jima’a (Sohbat) Se Roke Rakhne ke Amal ko Roza kehte hai.

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रोज़ की हालत में भी झूठ और दगाबाज़ी से बचे | Roze ki Halat me bhi Jhoot aur Dagabazi se bachey

Hadees of the Day रोज़ की हालत में भी झूठ और दगाबाज़ी से बचे ۞ हदीस: अबू हुरैरा (र.अ.) से रिवायत है की,रसूलअल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया – “अगर […]

ज़कात क्या है ? और किसको देनी चाहिये ?

ज़कात क्या है ? और किसको देनी चाहिये ? रमज़ान के अशरे में सब मुसलमान अपनी साल भर की कमाई की ज़कात निकालते है। तो ज़कात क्या है ? कुरआन […]