सुन्नत अमल

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क़यामत की रुसवाई से बचने की दुआ

कयामत के दिन जिल्लत व रुसवाई से बचने के लिए इस दुआ का एहतमाम करना चाहिए: رَبَّنَا وَآتِنَا مَا وَعَدتَّنَا عَلَىٰ رُسُلِكَ وَلَا تُخْزِنَا يَوْمَ الْقِيَامَةِ ۗ إِنَّكَ لَا تُخْلِفُ […]

पुरे यकींन से दुआ करो

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “तुम अल्लाह तआला से ऐसी हालत में दुआ किया करो के तुम्हें कुबूलियत का पूरा यकीन हो और यह जान रखो के अल्लाह तआला गफलत […]

कसरत से अल्लाह का जिक्र करना

अब्दल्लाह बिन अबी औफ़ (र.अ) बयान करते हैं के : “रसुलल्लाह (ﷺ) कसरत से (अल्लाह का) जिक्र फरमाते, बेजा बात ना फरमाते, नमाज़ लम्बी पढ़ते, खुत्बाब मुख्तसर देते और बेवाओं […]

इस्मिद सुरमा लगाना

हज़रत इब्ने अब्बास (र.अ) फरमाते हैं के, “रसूलुल्लाह (ﷺ) से हर रात सोने से पहले तीन मर्तबा इस्मिद सुरमा लगाया करते थे।” 📕 मुस्तदरक हाकिम: ८२४९

सोने के आदाब (सुन्नत)

रसूलुल्लाह (ﷺ) जब सोने का इरादा करते तो अपने दाहने हाथ को दाहने गाल के नीचे रख कर सोते फिर तीन बार यह दुआ पढ़ते : (Allahumma qinee ‘adhabaka yawma […]

मुस्कुराते हुए मुलाकात करना

हजरत जरीर (र.अ) के फर्माते हैं के मेरे इस्लाम लाने के बाद रसूलुल्लाह (ﷺ) ने मुझे कभी भी किसी भी वक्त अपने पास हाजिर होने से नहीं रोका और जब […]

मौत की सख्ती के वक़्त की दुआ

हजरत आयशा (र.अ) फर्माती हैं के, रसूलअल्लाह (ﷺ) ने मौत से पहले यह दुआ पढ़ी थी : तर्जमा: ऐ अल्लाह! मौत की सख्तियों और बेहोशियों पर मेरी मदद फ़र्मा। 📕 […]

माफ़ करने की सुन्नत

हज़रत आयशा (र.अ) बयान करती हैं के : “रसूलुल्लाह (ﷺ) ने अपनी जात के लिए कभी किसी से कोई बदला नहीं लिया।” 📕 मुस्लिम: ६०४५

दाई करवट सोना

हज़रत बरा बिन आजिब (र.अ) बयान करते हैं के “रसूलुल्लाह (ﷺ) जब बिस्तर पर तशरीफ लाते, तो दाई (right) करवट पर आराम फर्माते।” 📕 बुखारी : ६३१५

मिस्वाक दाँतों की चौड़ाई में करना

रबीआ बिन अकसम (र.अ.) फ़रमाते हैं के: “रसूलुल्लाह (ﷺ) दांतों की चौड़ाई में (यानी दाएँ से बाएँ और बाएँ से दाएँ) मिस्वाक फरमाते थे।” 📕 सुनने कुबरा लिल बैहकी: ४०/२

तीन साँस में पानी पीना

हजरत अनस (ﷺ(र.अ) (पीने के वक्त) दो या तीन साँस लेते और फ़रमाते के रसूलुल्लाह (ﷺ) भी तीन मर्तबा साँस लेते थे। 📕 बुखारी: ५६३१

दरवाज़े पर सलाम करने की सुन्नत

रसूलुल्लाह (ﷺ) जब किसी के घर के दरवाज़े पर आते, तो बिल्कुल सामने खड़े ना होते, बल्क़ि दायीं तरफ या बायीं तरफ तशरीफ फ़रमा होते और “अस्सलामु अलैकुम” फ़रमाते। 📕 […]

हिकमत के लिये दुआ

हिकमत और सलाह व तकवा हासिल करने के लिये यह दुआ पढ़ें: तर्जुमा: ऐ हमारे परवरदिगार! हमें हिकमत अता फ़रमा और नेक लोगों के साथ शामिल फरमा। 📕 सूरह शुअरा […]

सज्दा करने का सुन्नत का तरीका

रसूलुल्लाह (ﷺ) जब सज्दा फरमाते तो अपनी नाक और पेशानी को जमीन पर रखते और अपने बाजुओं को पहलू से अलग रखते और अपनी हथेलियों को कांधे के बराबर रखते। […]

अज़ान के बाद दुआ पढ़ना

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया: “जो बन्दा अजान सुनते वक़्त अल्लाह से यूँ दुआ करे: Allahumma Rabba Hadhihi-D-Dawatit-Tammaa Was-Salatil Qaimah, Aati Muhammadan Al-Wasilata Wal-Fazilah, Wabaathhu Maqaman Mahmudan-Il-Ladhi Waadtah तो वह बन्दा […]

कब्र में मिट्टी डालते वक़्त की दुआ

जब रसूलुल्लाह (ﷺ) ने उम्मे कुलसूम को कब्र में रखा तो पढ़ा: “मिन्हा खलकना कुम, व फिहा नुईदुकुम, व मिन्हा नुखरिजुकुम तारतन ऊखरा” तर्जमा: इस मिट्टी से हमने तुम को […]

बीवियों को सलाम करना

हज़रत उम्मे सलमा (र.अ) बयान करती हैं के:  “आप (ﷺ) रोजाना सुबह के वक्त बीवियों के पास तशरीफ ले जाया करते थे और उन को खुद सलाम किया करते थे।“ […]

बीमार को दुआ देना

रसूलुल्लाह (ﷺ) जब किसी मरीज की इयादत करते तो फ़र्माते: لاَ بَأْسَ طَهُورٌ، إِنْ شَاءَ اللَّهُ “La Basa Tahuran In Sha Allah” तर्जमा: घबराओ नहीं इन्शाअल्लाह अच्छे हो जाओगे। 📕 […]

दुनिया व आखिरत में आफियत की दुआ

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : बन्दे की अपने रब से माँगी जाने वाली दुआओं में सबसे अफजल यह है: तर्जमा: ऐ अल्लाह! मैं दुनिया और आखिरत में तुझसे आफियत व […]

बैतुलखला जाने का तरीका

रसूलल्लाह (ﷺ) जब इस्तंजा के लिये तशरीफ ले जाते, तो चप्पल पहन लेते और सर को ढांप लेते। 📕 बैहकी फी सुनने कुबरा : ९६/१

हदिया कबूल करना

हजरत आयशा (र.अ) बयान करती है: रसूलुल्लाह (ﷺ) हदिया कबूल फर्माते थे और उसका बदला भी इनायत फर्माते थे। 📕 बूखारी: २५८५

बिजली कड़कने और बादल गरजने के वक़्त की दुआ

अब्दुल्लाह बिन ज़ुबैर रज़ियल्लाहु अन्हुमा जब बादल की गरज सुनते तो बातें छोड़ देते और यह दुआ पढ़ते। (Subhanal-lathee yusabbihur-raAAdu bihamdih, walmala-ikatu min kheefatih.) 📕 मुअत्ताः 2/992 तर्जुमा : पाक […]

अस्तगफार कि दुआ (जिसने ये दुआ की उसके सारे गुनाह मुआफ कर दिए गए)

۞ हदीस: ज़ैद (र.अ) से रिवायत है के, रसूलल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: जिसने ये कहा तो उसके गुनाह मुआफ कर दिए जायेंगे चाहे वो मैदाने जंग से ही क्यों न […]

घर वालों से नेक बरताव करना

हजरत आयशा (र.अ) फर्माती हैं के – आप (ﷺ) ने ग़ज़वे के अलावा कभी भी किसी को अपने हाथ से नहीं मारा और न कभी किसी खादिम को मारा और […]

नमाज़ के लिये पैदल आना

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “सब से जियादा नमाज का सवाब उस आदमी को मिलेगा जो सबसे जियादा पैदल चल कर आए फिर उससे जियादा सवाब उस आदमी को मिलेगा […]

इत्र लगाना

हजरते आयशा (र.अ) से मालूम किया गया के रसूलुल्लाह इत्र लगाया करते थे? उन्होंने फ़रमाया : “हाँ मुश्क वगैरह की उम्दा खुशबु लगाया करते थे।” 📕 निसाई: ५११९

गुस्ल करने का सुन्नत तरीका

रसूलुल्लाह (ﷺ) जब गुस्ले जनाबत फ़र्माते, तो सबसे पहले हाथ धोते, फिर सीधे हाथ से बाएँ हाथ पर पानी डालते, फिर इस्तिन्जे की जगह धोते, फिर जिस तरह नमाज के […]

जब बुरा ख्वाब देखे तो यह अमल करे

जब तुम में से कोई पुरा ख्वाब देखे, तो तीन मर्तबा बाएं तरफ थुतकार दे और तीन मर्तबा शैतान के शर्र (बुराई) से अल्लाह की पनाह चाहे ( आऊज़ो बिल्लाहि […]