क़यामत के दिन खुश नसीब इन्सान
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: “कयामत के दिन लोगों में से वह खुश नसीब मेरी शफाअत का मुस्तहिक होगा, जिसने सच्चे
आख़िरत की फ़िक्र व सोच, आख़िरत की अहिमयत और तैयारियों के बारे में कुराणो सुन्नत की रहनुमाई।
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: “कयामत के दिन लोगों में से वह खुश नसीब मेरी शफाअत का मुस्तहिक होगा, जिसने सच्चे
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “हम उन अहले जन्नत के दिलों से रंजिश व कदूरत को बाहर निकाल देंगे
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: “हर शख्स मौत के बाद अफसोस करेगा, सहाबा ने अर्ज किया: या रसूलअल्लाह (ﷺ) ! किस
कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : “बेशक जक्कूम का दरख्त बड़े मुजरिम का खाना होगा, जो तेल की तलछट
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: “अगर (आखिरत के हौलनाक अहवाल के मुतअल्लिक) तुम्हें वह सब मालूम हो जाए जो मुझे मालूम
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “(जन्नती लोग) जन्नत में सलाम के अलावा कोई बेकार व बेहूदा बात नहीं सुनेंगे
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “हम दुनिया में सबसे आखिर में आए हैं, लेकिन कल हश्र (यानी आखिरत में जब
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : “कयामत सिर्फ बदतरीन लोगों पर ही आएगी।” फायदा: जब तक इस दुनिया में एक शख्स
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “अगर जहन्नम के लोहे के हथौड़े से पहाड़ को मारा जाए, तो वह रेजा रेजा
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “तुम्हारे दिनों में अफजल दिन जुमा का दिन है, इसी रोज़ हज़रत आदम (अ.) को
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया: “जन्नती लोग जन्नत में बगैर दाढ़ी के सुरमा लगाए हुए तीस या तैंतीस साला नौजवान की
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “दोजख में खच्चरों की तरह बिच्छू हैं, एक बार जब उनमें से एक बिच्छू डसेगा,
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “जन्नत में मोती का खोलदार खेमा होगा, जिस की चौड़ाई साठ मील ही होगी। उस
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है “जब सूरज बेनूर हो जाएगा और सितारे टूट कर गिर पड़ेंगे और जब पहाड़
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “कब्र रोज़ाना पुकार कर कहती है, मैं तन्हाई का घर हूँ, मैं मिट्टी का घर
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “तुम दुनियावी जिंदगी को मुकद्दम रखते हो, हालांके ! आखिरत दुनिया से बेहतर है और बाकी
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “हौज़े कौसर के बर्तन सितारों के बराबर होंगे, उस से जो भी इन्सान एक घूंट
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “जो लोग कुफ्र करते हैं तो अल्लाह तआला के मुकाबले में उन का माल
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “उन जन्नतियों के बदन पर बारीक और मोटे रेशम के कपड़े होंगे और उनको
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “कौसर जन्नत में एक नहेर है, जिस के दोनों किनारे सोने के हैं और वह
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “बेशक जो लोग काफिर हो गए और (दूसरों को भी) अल्लाह के रास्ते
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “अल्लाह तआला जन्नतियों को जन्नत में दाखिल कर देगा और जहन्नमियों को जहन्नम में दाखिल
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “(क़यामत का मुन्किर) पूछता है के कयामत का दिन कब आएगा? जिस दिन आँखें
कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : “जिसको तुम अल्लाह के सिवा पुकारते हो, वह खजूर की गुठली के एक
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “जहन्नम के सात दरवाजे हैं. हर दो दरवाजों के दर्मियान का फासला एक सवार आदमी
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “जहन्नम वालों का आज न कोई दोस्त होगा और न कोई खाने की
कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है: “जिस दिन अल्लाह के दुश्मन (यानी कुफ्फार) दोज़ख की तरफ जमा (करने के मौकफ
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “क़यामत के दिन काफिर अपने पसीने में डूब जाएगा, यहाँ तक के वह पुकार उठेगा:
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “वह दिन याद करने के काबिल है, जिस दिन तमाम आदमियों को उनके नाम-ए-आमाल
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: “कोई मुकर्रब फरिश्ता, कोई आसमान, कोई ज़मीन, कोई हवा, कोई पहाड़. कोई समुन्दर ऐसा नहीं जो