डॉ. गैरी मिलर (इसाई प्रचारक) ने इस्लाम… कनाडा के डॉ. गैरी मिलर ने इस्लाम अपना लिया और वे इस्लाम के लिए एक महत्वपूर्ण संदेशवाहक साबित हुए। मिलर सक्रिय ईसाई प्रचारक थे और बाइबिल की शिक्षाओं पर उनकी गहरी पकड़ थी। वे गणित को काफी पसंद करते थे…
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 29 https://www.youtube.com/playlist?list=PLqFqfE_wU2p6o-yao7hgl8YH54J1qoKQz Seerat un Nabi (ﷺ) Series: Part 29 पेज: 242 मक्का के जालिमो के खिलाफ जिहाद का हुक्म हुजूर (ﷺ) जब से यसरब में तशरीफ़ लाये थे, उस वक्त से इस्लाम और मुसलमानों की चर्चा होने लगी थी। अब यसरब…
क्यों हो जाते है लोग इतने बेहरहम ? क्या… सदियों से हम इन्सानो पर हो रहे ज़ुल्म की दास्ताँ सुनते आ रहे है, ज़ालिम इस हद्द तक क़त्ले आम करते है मानो वो इन्सान ही न हो, वो जिस किसी भी रब की इबादत करते हो उसे उसका खौफ…
Shab-e-Barat : शबे बराअत की हकीकत | सुन्नी इस्लाम शबे बराअत / 15 शाबान की इबादतें ? क़ब्रिस्तान में चिरागाह ? रात की नमांजे ? हलवा पकाना ? रूहों की वापसी ? १५ Shaban | Shab e Barat ki hakikat Quran aur sunnat ki roshni mein ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞अल्लाह…
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 15 https://www.youtube.com/playlist?list=PLqFqfE_wU2p6o-yao7hgl8YH54J1qoKQz Seerat un Nabi (ﷺ) Series: Part 15 पेज: 125 मेराज का सफर मुसलमान सन ०७ नबवी में शोबे अबी तालिब में कैद कर दिए गए थे। सन् १० नबवी में बाईकाट खत्म हुआ। पूरे तीन साल दर्रे में पड़े…
12 जमादी-उल-अव्वल | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा (1). कैदियों के साथ हुस्ने सुलूक, (2). जमात के मुतअल्लिक़ ख़बर देना, (3). कर्ज़ अदा करना, (4). खाने में बरकत, (5). मुसाफा मगफिरत का जरिया है, (6). गुमराही इख्तियार करने का गुनाह, (7). दुनिया चाहने वालों के लिये नुकसान, (8).…
भूत, प्रेत, बदरूह की हकीकत भूत, प्रेत, बदरूह: ये नाम अकसर इन्सानी ज़हन मे आते ही एक डरावनी और खबायिसी शख्सियत ज़ेहन मे आती हैं क्योकि मौजूदा मिडिया ने इन्सान को इस कदर गुमराह कर रखा हैं के जो नही हैं उसको इतनी खूबसूरती के…
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 41 ✦70 सहाबा के शहादत का बदला, ✦ बद्रे सुग़रा, ✦ ईसाइयों का धावा - दोमतुल जुन्दल की लड़ाई, यह बात एक हक़ीक़त है कि हुजूर (ﷺ) या मुसलमानों ने लड़ाइयों में कभी पहल नहीं की, बल्कि जिस हद तक बचा…
16 Rajjab | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा हज़रत सईद बिन जैद (र.अ), टूटे हुए पैर का ठीक हो जाना, नमाज़ में किबला की तरफ रुख करना, खाने के बाद की दुआ, हर नमाज के बाद तसबीहे फातिमी पढ़ना, किसी पर तोहमत लगाना गुनाहे अज़ीम है, नेक आमाल…