रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया:
“अल्लाह तआला हर गुनाह को माफ कर सकता है, मगर उस आदमी को माफ नहीं करेगा,
जो शिर्क की हालत में मर जाए, दूसरा वह आदमी जो किसी (बेगुनाह) मुसलमान भाई को जानबूझ कर क़त्ल कर दे।”
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रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया:
“अल्लाह तआला हर गुनाह को माफ कर सकता है, मगर उस आदमी को माफ नहीं करेगा,
जो शिर्क की हालत में मर जाए, दूसरा वह आदमी जो किसी (बेगुनाह) मुसलमान भाई को जानबूझ कर क़त्ल कर दे।”