रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया:
“अल्लाह तआला हर गुनाह को माफ कर सकता है, मगर उस आदमी को माफ नहीं करेगा, जो शिर्क की हालत में मर जाए, दूसरा वह आदमी जो किसी (बेगुनाह) मुसलमान भाई को जानबूझ कर क़त्ल कर दे।”
Home » Quotes » सिर्फ पाँच मिनट का मदरसा » 15. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा » शिर्क और कत्ल करने का गुनाह
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया:
“अल्लाह तआला हर गुनाह को माफ कर सकता है, मगर उस आदमी को माफ नहीं करेगा, जो शिर्क की हालत में मर जाए, दूसरा वह आदमी जो किसी (बेगुनाह) मुसलमान भाई को जानबूझ कर क़त्ल कर दे।”