नफा न पहुँचाने वाली नमाज़ से पनाह मांगना

हजरत अनस (र.अ) का बयान है के
रसूलुल्लाह (ﷺ) यह दुआ फरमाते थे :

तर्जुमा : ऐ अल्लाह! मैं तेरी पनाह चाहता है उस नमाज से जो नफा न पहुँचाती हो।

📕 अबू दावूद १५४१

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