5 रजब | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा मोर की खूबसूरती, सुबह की नमाज़ अदा करने पर हिफ़ाज़त का जिम्मा, हाथ पाँव की उंगलियों का खिलाल करना, अल्लाह के वास्ते मुहब्बत करना, कर्ज अदा न करने का गुनाह, माल की हालत, जन्नत में मेहमान नवाजी, बीमारी से बचने…
30. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा (1). मदीना में हुजूर (ﷺ) का इस्तिकबाल, (2). किला फतह होना, (3). वालिदैन के साथ एहसान का मामला करो, (4). घरवालों पर सवाब की नियत से खर्च करना भी सदक़ा है, (5). कुरआन का मजाक उड़ाना, (6). माल की मुहब्बत…
चाँद के टूटने के विश्वास से सिद्ध होते है… Chand ke do tukde kisne kiye the: बहुत समय से गैर मुस्लिम भाईयों को मुस्लिमों के इस विश्वास का मजाक उडाते देख रहा हूँ कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने चांद के दो टुकड़े कर दिए थे
1 रजब | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा हज़रत अबू बक्र सिद्दीक (र.अ), मुश्क अल्लाह के खजाने से आता है, इस्लाम की बुनियाद, सुन्नत ज़िन्दा करने की फजीलत, नमाज़े इश्राक की फ़ज़ीलत, सूद खाने और खिलाने पर लानत, दुनिया दार का घर और माल...
18 जमादी-उल-अव्वल | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा (1). शराब की हुरमत का हुक्म, (2). हज़रत साबित (र.अ) के लिये पेशीनगोई, (3). विरासत में लड़की का हिस्सा, (4). फसाद करने वालों पर गलबा पाने की दुआ, (5). अपने घरवालों पर खर्च करने की फ़ज़ीलत, (6). इन्कार करने वालो…
18. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: हजरत इब्राहीम (अ.स), मुअजिजा : अबू तालिब का सेहतयाब होना, एक फ़र्ज़ : जमात के साथ नमाज़ अदा करना, अहेम अमल : नुक्सान से हिफाज़त, फुजूल कामों में माल खर्च करने का गुनाह, माल व औलाद अल्लाह के क़ुर्ब…
दुनिया छूटने वाली है जब की "बन्दा कहता है… रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया: “बन्दा कहता है मेरा माल मेरा माल, हालांकि उस के लिए उस के माल में से तीन चीजें हैं: (१) वह जो खा कर खत्म कर दिया, (२) जो पहेन कर पुराना कर दिया, (३) वह…
फैक्ट चेक: अयोध्या में बीजेपी की हार पर… A video from Uttar Pradesh claims a Muslim man is criticizing Hindus for not voting for PM Modi. फैक्ट चेक: 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे 04 जून 2024 को घोषित किए गए। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन ने…
8. सफर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा इस्लामी तारीख: हज़रत लुकमान हकीम, मुअजिज़ा: अरब के रास्तों के मुतअल्लिक़ पेशीनगोई, एक फ़र्ज़: जकात की फर्जियत, यतीम पर रहम करने की फ़ज़ीलत, नाफ़रमानों के माल व दौलत को न देखना ...