माल की चाहत

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :

“लोगों पर एक ज़माना ऐसा आएगा जिस में (लोगों को अपने) माल की ज़कात देना बहुत भारी गुज़रेगा।”

📕 मोअजमे कबीर: १३७०८, अन अदी बिन हातिम (र.अ)