“अल्लाह तआला ने कुछ बन्दों को लोगों की जरूरत पूरी करने के लिये पैदा किया है,लोग उन के पास अपनी ज़रूरत ले कर जाते हैं,लोगों की जरूरत पूरी करने वाले यह लोग अल्लाह के अज़ाब से महफूज रहेंगे।”
अज़ान का जवाब दे कर दुआ करने की फ़ज़ीलत एक आदमी ने अर्ज किया: "या रसूलल्लाह (ﷺ) ! मोअज्जिन हज़रात फजीलत में हम से आगे बढ गए। रसुलल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "तुम भी इसी तरह अज़ान का जवाब दिया करो, जिस तरह वह अजान देते है फिर जब तुम फारिग़ हो जाओ तो अल्लाह तआला से दुआ करो,…
हिलफुल फुजूल अरब में जुल्म व सितम और चोरी व डाका जनी आम थी, लोगों के हुक़ूक़ पामाल किये जाते कमजोरों का हक़ दबाया जाता था। इस जुर्म में अवाम व खवास सभी मुब्तला थे। इसी तरह का एक मामला मक्का मुकर्रमा में भी पेश आया के एक सरदार ने बाहर के…
इल्म की फजीलत रसूलल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "इल्म की फजीलत इबादत की फजीलत से बेहतर है और दीन में बेहतरीन चीज़ तक़वा व परहेजगारी है।" 📕 तबरानी औसत: ४१०७
अगली सफ में नमाज़ अदा करने की फजीलत रसलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "अल्लाह तआला और उसके फरिश्ते पहली सफ वालों पर रहमत भेजते हैं और मोअज्जिन के बुलंद आवाज़ के बकद्र उस की मगफिरत कर दी जाती है, खुश्की और तरी की हर चीज़ उस की आवाज़ की तसदीक करती है और उस के साथ नमाज़ पढ़ने…
रसूलल्लाह (ﷺ) की नाफ़रमानी करने का गुनाह रसूलल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "मेरे सब उम्मती जन्नत में जाएंगे मगर जिसने इन्कार कर दिया (वह जन्नत में दाखिल न होगा। ) अर्ज़ किया गया : या रसूलल्लाह (ﷺ) इन्कार कौन करेगा? फ़रमाया : जिसने मेरी इताअत की जन्नत में दाखिल हो गया और जिसने मेरी फ़रमानी की तो…
अपने घरवालों पर खर्च करने की फ़ज़ीलत अपने घरवालों पर खर्च करने की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "एक वह दीनार जिसे तुमने अल्लाह के रास्ते में खर्च किया और एक वह दीनार जिसे तुमने किसी गुलाम के आज़ाद करने में खर्च किया और एक वह दीनार जो तुमने किसी ग़रीब को सदका किया और एक…
सफा पहाड़ पर इस्लाम की दावत नुबुव्वत मिलने के बाद रसूलुल्लाह (ﷺ) तीन साल तक पोशीदा तौर पर दीन की दावत देते रहे, फिर अल्लाह तआला की तरफ से हुजूर (ﷺ) को खुल्लमखुल्ला इस्लाम की दावत देने का हुक्म हुआ, इस हुक्म के बाद रसूलुल्लाह (ﷺ) ने सफा पहाड़ की चोटी पर चढ़ कर मक्का के…