कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है :
“नमाज़ में अल्लाह के सामने आजिज़ बने हुए खड़े हुआ करो।”
फायदा: अगर कोई शख्स खड़े होकर नमाज़ पढ़ने की ताकत रखता हो तो उस पर फ़र्ज और वाजिब नमाज़ को खड़े हो कर पढ़ना फ़र्ज़ है।
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है :
“नमाज़ में अल्लाह के सामने आजिज़ बने हुए खड़े हुआ करो।”
फायदा: अगर कोई शख्स खड़े होकर नमाज़ पढ़ने की ताकत रखता हो तो उस पर फ़र्ज और वाजिब नमाज़ को खड़े हो कर पढ़ना फ़र्ज़ है।
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