जन्नत का मुस्तहिक

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“जो आदमी इस हाल में मर जाए के वह तकब्बुर, खयानत और कर्ज से बरी हो, तो जन्नत में दाखिल होगा।”

📕 तिर्मिज़ी : १५७२

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