10. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: हज़रत इदरीस (अ.स) की दावत, मुअजिजा : अबू जहल पर खौफ, एक फ़र्ज़ : पर्दा करना फर्ज है, अहेम अमल : नमाज़े चाश्त की फ़ज़ीलत, कुफ्र व शिर्क का नतीजा तिलावत ऐ कुरआन और जिक्रे इलाही की फ़ज़ीलत ...
1 Rabi-ul-Awal | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा इस्लामी तारीख: हज़रत ज़करिया (अ.स), अस्र की नमाज़ की फज़ीलत, मेहमान का अच्छे अलफाज़ से इस्तिकबाल करना, पड़ोसी के साथ अच्छा सुलूक करना, रसूलल्लाह (ﷺ) की नाफ़रमानी करने का गुनाह, अल्लाह और उसके बन्दों के हुकूक …
18. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा 18 Rabi-ul-Akhir | Sirf Panch Minute ka Madarsa 1. इस्लामी तारीख मेअराज का सफर हिजरत से एक साल पहले हजूर (ﷺ) को सातों आसमानों की सैर कराई गई, जिस को "मेअराज" कहते हैं। क़ुरआने करीम में भी सराहत के साथ…
6 Muharram | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: हज़रत आदम (अ.स) का दुनिया में आना, मुअजिजा : चाँद के दो टुकड़े होना, एक सुन्नत: मेजबान को दुआ देना, अहेम अमल : माहे मुहर्रम में रोजा रखना, यतीमों का माल खाने का गुनाह ...
26. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा (1). हुजूर (ﷺ) ग़ारे सौर में, (2). ऊंटों के मुतअल्लिक़ खबर देना, (3). बीवी की विरासत में शौहर का हिस्सा, (4). मौत की सख्ती के वक़्त की दुआ, (5). वुजू कर के इमाम के साथ नमाज अदा करना, (6). कुफ्र…
21. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा 21 Rabi-ul-Akhir | Sirf Panch Minute ka Madarsa 1. इस्लामी तारीख पहली बैते अक़बा अकबा, मिना के करीब एक घाटी का नाम है, जहाँ सन ११ नबवी में मदीना से 6 अफराद ने आकर दीने इस्लाम कबूल किया था, इस…
3. जमादी-उल-अव्वल | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा (1). मस्जिदे नबवी की तामीर, (2). गूलर के फल में अल्लाह की कुदरत, (3). शौहर के भाइयों से परदा, (4). इशा के बाद दो रकात नमाज पढना, (5). इंसाफ करने की फ़ज़ीलत, (6). चाँदी के बरतन में पीना, (7). दो…
141+ हदीस की अच्छी-अच्छी बातें | पैगम्बर… हदीस की अच्छी-अच्छी बातें अल्लाह के आखरी पैगंबर मुहम्मद साहब (ﷺ) की शिक्षाओं की एक झलक हिंदी में। हदीस की अच्छी-अच्छी बातें संसार के विषय में | Best Islamic Quotes 1-10 1. समस्त संसार को बनाने वाला एक ही मालिक…
11. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा 11 Rabi-ul-Akhir | Sirf Panch Minute ka Madarsa 1. इस्लामी तारीख मुसलमानों की हिजरते हबशा जब कुफ्फार व मुशरिकीन ने मुसलमानों को बेहद सताना शुरू किया, तो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने सहाबा-ए-किराम को इजाजत दे दी के जो चाहे अपनी जान…