दुनिया का कोई भरोसा नहीं

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया :

“इस दुनिया की मिसाल उस कपड़े की सी है, जिस को शुरू से काट दिया जाए और आखीर में एक धागे पर लटका हुआ रह जाए, तो वह धागा कभी भी टूट सकता है। (इसी तरह इस दुनिया का कोई ठिकाना नहीं, कभी भी खत्म हो जाएगी)।”

📕 शोअबुल ईमान: १८७५

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