नाक के बाल (अल्लाह की कुदरत) अल्लाह तआला ने हर छोटी बड़ी चीज को हिकमत व मसलेहत के साथ पैदा फ़र्माया है, इन्सान ऑक्सीजन के बगैर जिन्दा नहीं रह सकता, इस लिये अल्लाह तआला ने साँस के जरिये ताजी हवा को खींचने और गंदी हवा को बाहर निकालने का निज़ाम बना दिया। मगर अल्लाह की कुदरत…
बुखार व दीगर बीमारियों से नजात हज़रत इब्ने अब्बास (र.अ.) फ़रमाते हैं के : रसूलुल्लाह (ﷺ) ने सहाबा-ए-किराम को बुखार और दूसरी तमाम बीमारियों से नजात के लिये यह दुआ बताई: तर्जमा : मैं अल्लाह के नाम से शुरू करता हूँ जो बहुत बड़ा है, मैं बहुत ही ज्यादा अज़मत वाले अल्लाह की पनाह माँगता हूँ,…
जिस्म में गुर्दे की अहमियत (Kidney) इन्सान के ख़ून में हर लम्हा ज़हरीले माददे (Toxin) की मिक़दार बढ़ती रहती है। गुर्दे उन ज़हरीले माददों को पेशाब के ज़रिये खारिज कर के बदन को साफ़ ख़ून सपलाई करते रहते हैं, इस तरह गुर्दे 24 घंटे में कई लीटर ख़ून से ज़हरीला माददा निकाल कर पूरे जिस्म की हिफाज़त…
सिर दर्द से हिफाजत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "हम्माम (गुस्ल खाना) से निकलने के बाद कदमों को ठन्डे पानी से धोना सिर दर्द से हिफाजत का जरिया है।" 📕 कन्जुल उम्माल: २८२९६
99 बीमारियों की दवा (ला हौल वला कुव्वत… रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : जो शख्स “ला हौल वला कुव्वत इल्ला बिल्लाह” पढेगा, तो यह निनान्वे मर्ज की दवा है, जिस में सबसे छोटी बीमारी रंज व ग़म है। 📕 मुस्तदरक हाकिम: १९९०
हज़रत तल्हा बिन उबैदुल्लाह (र.अ) हजरत तल्हा बिन उबैदुल्लाह (र.अ) का शुमार भी उन दस लोगों में होता है जिन को रसूलुल्लाह (ﷺ) ने दुनिया ही में जन्नत की खुशखबरी सुना दी थी। आप इस्लाम लाने वालों में अव्वलीन साबिकीन में से की हैं, ग़ज़व-ए-बद्र के अलावह तमाम ग़जवात में रसूलुल्लाह (ﷺ) के साथ रहे…
दूसरी बैते अक़बा मदीना मुनव्वरा में हजरत मुसअब बिन उमैर (र.अ) की दावत और मुसलमानों की कोशिश से हर घर में इस्लाम और पैगम्बरे इस्लाम का तजकेरा होने लगा था, लोग इस्लाम की खूबियों को देख कर ईमान में दाखिल होने लगे थे। सन १३ नबवी में मुसअब बिन उमैर (र.अ) ७० से…