हजरत आयशा (रजि०) फरमाती है के,
“हुजूर (ﷺ) की बात जुदा जुदा होती थी, जो सुनता समझ लेता था।”
फायदा: जब किसी से बात करे, तो साफ़ साफ़ बात करे, ताके सुनने वाले को समझने में कोई परेशानी ना हो, यह आप (ﷺ) की सुन्नत है।
हजरत आयशा (रजि०) फरमाती है के,
“हुजूर (ﷺ) की बात जुदा जुदा होती थी, जो सुनता समझ लेता था।”
फायदा: जब किसी से बात करे, तो साफ़ साफ़ बात करे, ताके सुनने वाले को समझने में कोई परेशानी ना हो, यह आप (ﷺ) की सुन्नत है।